अमित पांडे, चंडीगढ़:
Jagdeep Dhankhar Punjab University Controversy Haryana Share: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पंजाब यूनिवर्सिटी में शनिवार को एक बयान दिया। इस बयान पर राजनीति तेज हो गई है। दरअसल, उपराष्ट्रपति ने यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी में हरियाणा का भी हिस्सा है। उनका कहना था कि वे इस मामले को लेकर पंजाब के सीएम भगवंत मान से भी बात करेंगे। धनखड़ का कहना है कि इससे हरियाणा के कॉलेजों को भी एफिलिएशन मिल सकेगी। इस बयान पर सियासी बवाल मच गया है।
भाजपा नेता की तरह बात नहीं करनी चाहिए
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता मालविंदर कंग का कहना है कि हम उपराष्ट्रपति के बयान का विरोध करते हैं। उन्हें उपराष्ट्रपति जैसे पद पर रहकर भाजपा नेता की तरह बात नहीं करनी चाहिए। पंजाब यूनिवर्सिटी पंजाब की सिरमौर संस्था है। पंजाब यूनिवर्सिटी में किसी और सूबे को हिस्सा नहीं दिया जा सकता। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भी भगवंत मान ने इसे पंजाब की विरासत बताते हुए यूनिवर्सिटी में हरियाणा को हिस्सा देने से इनकार कर दिया था।
Punjab University has a glorious history.
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If we get determined, Punjab University will be one of the leading universities on the global horizon. We need to work for it. @OfficialPU @PUChdAlumni pic.twitter.com/xDaQYEP4Vo
— Vice President of India (@VPIndia) December 23, 2023
हरियाणा और पंजाब के साथ हिमाचल का भी हिस्सा था
हालांकि दूसरी ओर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर अपना हिस्सा देने के लिए तैयार हो गए थे। यूनिवर्सिटी को पहले लाहौर में स्थापित किया गया था, लेकिन विभाजन के बाद पंजाब के दो हिस्से होने पर इसे होशियारपुर में स्थापित कर दिया गया। पहले इसमें हरियाणा और पंजाब के साथ हिमाचल का भी हिस्सा था, लेकिन अब 40 फीसदी हिस्सा पंजाब और यूनियन टेरेटरी के पास 60 फीसदी हिस्सा हो गया है। कुछ साल पहले इसे सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने की भी बात हुई थी।
Global Alumni Meet-2023 Panjab University, Chandigarh held on 23.12.23 pic.twitter.com/lmTG1fycxt
— Panjab University, Chandigarh (@OfficialPU) December 23, 2023
क्या है पूरा विवाद?
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस बात को लगातार उठाते रहे हैं कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के तहत पंजाब यूनिवर्सिटी में हरियाणा को हिस्सा दिया गया था। ऐसे में हरियाणा के कॉलेजों को भी यहां से एफिलिएशन मिलनी चाहिए। अब उपराष्ट्रपति ने भी यही बात दोहराई है।
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