Tuesday, 28 November, 2023

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वकील के साथ बनाए अप्राकृतिक यौन संबंध, पुलिस हिरासत में हैवानियत की हदें पार

Lawyer Alleges Unnatural Physical Relation in Police Custody: पुलिस हिरासत में थर्ड डिग्री देने के कई मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन पंजाब के मुक्तसर साहिब में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर हर कोई दंग है। यहां पुलिस अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने हिरासत में वकील के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध […]

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Sep 25, 2023 21:02
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Punjab Sri Muktsar Sahib lawyer alleges unnatural sex torture in police custody
Punjab Sri Muktsar Sahib lawyer alleges unnatural sex torture in police custody (representational image)

Lawyer Alleges Unnatural Physical Relation in Police Custody: पुलिस हिरासत में थर्ड डिग्री देने के कई मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन पंजाब के मुक्तसर साहिब में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर हर कोई दंग है। यहां पुलिस अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने हिरासत में वकील के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए। साथ ही यातना देने और गलत तरीके से बंधक बनाने के भी आरोप लगाए गए हैं।

वकील के आरोपों पर घटना की जांच का निर्देश

पंजाब में एक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने पुलिस अधिकारियों द्वारा एक वकील के आरोपों पर घटना की जांच का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि वकील के बयान को सीआरपीसी की धारा 2 (डी) के तहत एक शिकायत के रूप में माना जाना चाहिए। इसमें अप्राकृतिक यौन संबंध के लिए उकसाना, गलत कारावास में डालकर चोट पहुंचाना और स्वतंत्रता के लिए खतरा होने का संज्ञेय अपराध शामिल है।

लाइवलॉ की रिपोर्ट के अनुसार, मुक्तसर साहिब अदालत के सीजेएम राज पाल रावल ने आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू करने का आदेश दिया है। ये आदेश संबंधित थाने के एसएचओ को दिया गया है। दरअसल, यहां एक वकील ने आवेदन दायर किया गया था। उसे पुलिस टीम पर हमला करने के आरोप में एक अन्य शख्स के साथ गिरफ्तार किया गया था।

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मेडिकल टेस्ट कराने का भी आग्रह

शिकायतकर्ता ने मेडिकल टेस्ट कराने का भी आग्रह किया है। उसने पुलिस हिरासत में क्रूरता और अमानवीय व्यवहार पर अपना बयान दर्ज कराने को भी कहा है। वकील ने 13 पन्नों का विस्तृत बयान दर्ज कराया। जिसमें उन्होंने पुलिस स्टेशन में अपने साथ हुई यातनाओं के बारे में विस्तार से बताया। कोर्ट ने आगे कहा कि वकील इतना डर गया कि जान बचाने के लिए अपनी जमानत भी वापस ले ली।

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आरोप की गंभीरता को ध्यान में रखकर अदालत ने इसे सीआरपीसी की धारा 2 (डी) के तहत एक शिकायत के रूप में माना। देखा गया कि पुलिस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत के लिए पर्याप्त आधार मौजूद थे। ऐसे में कोर्ट ने पुलिस स्टेशन के SHO को मामला दर्ज करने और अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू करने का निर्देश दिया।

First published on: Sep 25, 2023 09:02 PM

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