Congress Working Committee, चंडीगढ़: पंजाब से रविवार को बड़ी खबर आई है। खबर पंजाब में सत्ता पलट करने के बाद खुद सत्ता से बाहर हो चुकी राजनैतिक पार्टी कॉन्ग्रेस से जुड़ी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की तरफ से ऐलानी गई कॉन्ग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) में 39 पदाधिकारियों की सूची में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का नाम भी शामिल है। गजब तो इस बात का हो गया कि न तो बाजवा का बाजा बज पाया और न ही राजा कुछ कर पाया। इन दोनों को पछाड़ते हुए भ्रष्टाचार के मामले में विजिलेंस जांच में घिरे पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह पर पार्टी हाईकमान ने जब विश्वास जताया।
बता देना जरूरी है कि चमकौर सीट से 2007 से लगातार तीन बार विधायक चुने जा चुके चरणजीत सिंह चन्नी 2015 से 2016 तक पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह को कुर्सी से उतारने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू खेमे के चरणजीत सिंह चन्नी 111 दिन के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री रहे हैं। दलित समुदाय से मुख्यमंत्री बने वह पहले नेता है। इसके अलावा 2022 के विधानसभा चुनाव पार्टी ने चन्नी को फिर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार के लिए प्रस्तुत किया। हालांकि पार्टी सत्ता में आ नहीं सकी। इसके बाद चन्नी प्रदेश में भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार के राडार पर आ गए। सरकार के आदेश पर विजिलेंस ब्यूरो भ्रष्टाचार के मामले की जांच में जुटा है, वहीं इसी बीच रविवार को उनका कद एक और बढ़ गया।
पार्टी हाईकमान की तरफ से चन्नी को पार्टी की वर्किंग कमेटी का सदस्य बनाया गया है। कभी इसमें कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री के रूप में शामिल थे, वहीं अंबिका सोनी भी नियमित रूप से सीडब्ल्यूसी का हिस्सा रही हैं। अब कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह चन्नी को रिप्लेस किया गया है। इसके साथ ही एक और बड़ी बात यह भी है कि पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा और पार्टी के मौजूदा प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग दोनों पर भारी पड़ गए।
दूसरी ओर जहां तक भ्रष्टाचार के केस की बात है, विधानसभा चुनाव से पहले ही पूर्व सीएम चन्नी के भानजे को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 12 करोड़ रुपए कैश के साथ गिरफ्तार किया था।