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पंजाब में इस वर्ष फसली अवशेष जलाने की घटनाओं में लाई जायेगी 50 फीसदी कमी : गुरमीत सिंह खुड्डियां

Gurmeet Singh Khuddian: प्रदूषण एक विशाल मुद्दा है और इसलिए सिर्फ किसानों को जिम्मेदार ठहराने से जमीनी स्तर पर कुछ नहीं बदलेगा।

Edited By : Swati Pandey | Updated: Jan 10, 2024 18:48
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Punjab Goverment
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Gurmeet Singh Khuddian चंडीगढ़, 10 जनवरीः पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने आज कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने आगामी सीजन के दौरान फसली अवशेष को जलाने की घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य निश्चित किया है।

वह आज यहां मैगसीपा में पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर ( पी. आर. एस. सी.), लुधियाना की तरफ से ‘एग्रो- जीओइनफोरमैटिकस के अधीन पराली जलाने की निगरानी के लिए अंतरिक्ष आधारित प्रौद्यौगिकी’ विषय पर करवाई एक दिवसीय राज्य स्तरीय वर्कशाप- कम- प्रशिक्षण प्रोग्राम को संबोधन कर रहे थे।

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अधिक से अधिक देंगे योगदान

गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि प्रदूषण एक विशाल मुद्दा है और इसलिए सिर्फ किसानों को जिम्मेदार ठहराने से जमीनी स्तर पर कुछ नहीं बदलेगा क्योंकि किसान भी बढ़ रहे प्रदूषण के शिकार हो रहे हैं। खुड्डियां ने कहा कि सभी को इकठ्ठा होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए वातावरण को बचाने के लिए कोई उपयुक्त हल निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश को अनाज सुरक्षा पक्ष से आत्म निर्भर बनाने वाले पंजाब के मेहनती किसान और मजदूर प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए अपना अधिक से अधिक योगदान देंगे।

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40 फीसदी हिस्सेदारी पर 

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार फसलों के अवशेष को जलाने के संकट से निपटने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। इस मंतव्य के लिए वित्तीय साल 2023-24 के दौरान राज्य के किसानों को सब्सिडी पर लगभग 23000 फसली अवशेष प्रबंधन ( सी. आर. एम.) मशीनें मुहैया करवाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि सरकार के ठोस यत्नों स्वरूप पराली जलाने की घटनाएं साल 2022 के 49,922 से कम होकर 2023 में 36,623 रह गई हैं, जो 26 फीसद सकारात्मक बदलाव की गवाही भरता है। उन्होंने आगे कहा कि पहले सब्सिडी की सुविधा भारत सरकार के 100 फीसदी योगदान के अधीन चल रही थी परन्तु मौजूदा समय यह 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी राज्य की हिस्सेदारी के आधार पर चलाई जा रही है।

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फसली विभिन्नता अपनाने के लिए उत्साहित किया जा रहा

इस दौरान विशेष मुख्य सचिव (विकास) श्री के. ए. पी. सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार फसली अवशेष को जलाने की घटनाओं को और प्रभावशाली ढंग से काबू करने के लिए इस साल फसली अवशेष प्रबंधन ( सी. आर. एम.) मुहिम शुरू करने पर विचार कर रही है। इसके साथ ही सरकार की तरफ से भूजल की कमी की समस्या को हल करने के लिए दो फसलों ( गेहूं- धान) के चक्कर से दूर करने के लिए किसानों को फसली विभिन्नता अपनाने के लिए उत्साहित किया जा रहा है।

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देश का अन्नदाता

उन्होंने कहा कि पंजाब खेती प्रधान राज्य है, इसी कारण राज्य को देश का अन्नदाता कहा जाता है। यह सम्मान कृषि और पंजाब के साथ जुड़ा है और राज्य इसको हर हालात में बरकरार रखेगा। उन्होंने आगे कहा कि हाट- सपाट क्षेत्रों में इन-सीटू और एक्स-सीटू की क्षमता में विस्तार करने के साथ साथ छोटे, सीमांत और अनुसूचित जाति से सबंधित किसानों की सहायता के लिए सहकारी सभाओं को शामिल किया जायेगा।

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तालमेल बनाने पर दिया जोर

पी. आर. एस. सी. के डायरैक्टर डा. बी. पटेरिया ने पराली जलाने से हवा, मिट्टी की गुणवत्ता के साथ-साथ मानवीय सेहत पर होने वाले हानिकारक प्रभावों पर रौशनी डाली। उन्होंने धान की पराली को जलाने के खतरे से निपटने के लिए कृषि विभाग, गैर सरकारी संस्थाओं, अकादमिक संस्थाओं, उद्योगों और किसानों के बीच तालमेल बनाने पर जोर दिया।

फसलों पर अवशेष जलाने पर निगरानी

भारतीय कृषि खोज संस्थान, नयी दिल्ली के प्रमुख विज्ञानी डा. विनय कुमार सहगल ने फसलों के अवशेष को जलाने में अंतरिक्ष प्रौद्यौगिकी के प्रयोग पर एक पेशकारी दी। ग्रुप हैड डॉ. आर. के. सेतिया ने पंजाब के संदर्भ में भू-स्थानीय प्रौद्यौगिकी की भूमिका और इसके प्रयोग के बारे जानकारी दी। ग्रुप हैड डा. हपिन्दर सिंह ने पंजाब में सैटेलाइट आधारित फसलों के अवशेष को जलाने की निगरानी करने की प्रक्रिया के बारे विस्तार से बताया।

सीनियर अधिकारियों से किया विचार- विमर्श

पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन प्रो. (डा.) आदर्श पाल विंग, डिप्टी कमिश्नर फाजिल्का श्रीमती सेनू दुग्गल, डिप्टी कमिश्नर फिरोजपुर राजेश धीमान, डिप्टी कमिश्नर बठिंडा श्री शौकत अहमद परे और सिवल और पुलिस प्रशासन के अन्य सीनियर अधिकारियों ने भी इस विचार-विमर्श में हिस्सा लिया और सम्बन्धित भाईवालों के साथ तालमेल करके पराली जलाने पर काबू पाने सम्बन्धी अपने विचार भी पेश किये।

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Written By

Swati Pandey

First published on: Jan 10, 2024 06:42 PM

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