Gay Marriage Controversy In Punjab, बठिंडा: पंजाब में सिख पंथ के दो ग्रंथियों को कोर्ट का ऑर्डर मानना भारी पड़ गया। इन दोनों को अकाल तख्त की तरफ से बर्खास्त कर दिया गया है। मामला बीते दिनों सूबे के एक गुरुद्वारे में समलैंगिक शादी (लड़की की लड़की से) कराने का है। दरअसल, इसको लेकर सिख संगठनों की तरफ से रोष प्रदर्शन किया जा रहा था और साथ ही धार्मिक मर्यादा को साइडलाइन करके गुरुघर में समलैंगिक शादी कराने वाले गंथियों को हटाने के लिए मांग की जा रही थी। इसी आक्रोश का नतीजा अब देखने को मिला है।
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18 मार्च काे बठिंडा के गुरुद्वारा श्री कलगीधर साहिब में की थी बठिंडा की मनीषा ने पड़ोसी जिले मानसा की डिंपल के साथ शादी
बता दें कि बठिंडा की मनीषा और मानसा की डिंपल लगभग नौ महीने पहले काम के सिलसिले में चंडीगढ़ गई थी। वहां एक-दूसरी के करीब आ चुकी इन दोनों युवतियों ने हाल ही 18 सितंबर को बठिंडा के गुरुद्वारा श्री कलगीधर साहिब में शादी कर ली। मनीषा दुल्हन तो डिंपल दूल्हा बनी, वहीं इन दोनों के परिवार जन भी हंसी-खुशी शामिल हुए।
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हालांकि इस बारे में मिली अभी तक की जानकारी के अनुसार गुरुद्वारे के ग्रंथियों अजायब सिंह (उपग्रंथी) और हरदेव सिंह (प्रमुख) ने इस शादी को करवाने से मना भी किया, लेकिन दोनों लड़कियों के परिजन कोर्ट की मंजूरी दिखाते हुए इस शादी को कराने की जिद पर अड़े रहे। इसके बाद यह शादी और इसमें शामिल गुरुद्वारे के दोनों ग्रंथी सिख संगठनों के निशाने पर आ गए।
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गुरुद्वारा श्री कलगीधर साहिब की तरफ से जारी विवाह प्रमाणपत्र की कॉपी को सार्वजनिक करते हुए शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) और दल खालसा ने सिख धार्मिक आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया। शिअद (अ) के अध्यक्ष परमिंदर सिंह बालियांवाली और दल खालसा के सदस्य हरदीप सिंह मेहराज ने कहा कि ‘धार्मिक सजा’ के अलावा, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाना चाहिए। अगर एसजीपीसी कार्रवाई में देरी करती है तो हम पुलिस से संपर्क करेंगे। अब इसी आक्रोश को देखते हुए दोनों ग्रंथियों को बर्खास्त कर दिया गया है।