अमित पांडेय, चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह और गैंगस्टर मुख़्तार अंसारी के बीच सांठगांठ का खुलासा किया है। प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री ने कहा कि कैप्टन चाहे बार-बार अंसारी को न जानता होने के दावे कर रहे हैं परन्तु यह कितनी हैरानीजनक बात है कि कैप्टन सरकार ने इस गैंगस्टर की न सिर्फ़ जेल में ठहर को आरामदायक बनाया, बल्कि उसे रूपनगर में महंगी ज़मीन भी दी।
रूपनगर में वक्फ़ बोर्ड की महंगी ज़मीन दी
पंजाब सीएम ने आगे कैप्टन को चुनौती दी कि वह यह बताएं कि उनकी सांझेदारी के बिना रूपनगर में वक्फ़ बोर्ड की महंगी ज़मीन अंसारी के पुत्रों अब्बास और उमर अंसारी को कैसे मिल गई। भगवंत मान ने कहा कि अगर कैप्टन चाहते हैं तो वह कैप्टन की अंसारी के साथ संबंधों पर आने वाले दिनों में और सबूत भी दे देंगे।
गुमराह करने के लिए झूठ बोल रहे है
पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह पर निशाना साधते हुये मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि ख़तरनाक गैंगस्टर मुख़्तार अंसारी के मुद्दे के बारे अनभिज्ञता का ढकोसला करने से पहले भाजपा नेता को अपने पुत्र रणइन्दर सिंह से ज़रूर पूछना चाहिए। उन्होंने कहा कि रणइन्दर कई बार अंसारी को मिला था परन्तु कितनी हैरानी की बात है कि लोगों को गुमराह करने के लिए कैप्टन इस मुद्दे पर झूठ बोल रहे हैं।
इसलिए उत्तर प्रदेश से पंजाब लाया गया
भगवंत मान ने कहा कि अंसारी को जेल में वी. वी. आई. पी. सहूलतें देने के लिए उत्तर प्रदेश से पंजाब लाया गया था। उन्होंने कहा कि जब उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस गैंगस्टर की हिरासत लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पहुंच की तो पंजाब सरकार ने उसे बचाने के लिए बहुत ज़्यादा फीस पर वकीलों की सेवाएं ली।
55 लाख रुपए की रिकवरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस 55 लाख रुपए की रिकवरी यकीनी तौर पर कैप्टन और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा से की जाएगी। कैप्टन के दावे कि वह 9.5 साल राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं, पर टिप्पणी करते हुये भगवंत मान ने उनको याद करवाया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान जितना सफ़र किया, उतना तो उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर अपने डेढ़ साल के कार्यकाल में ही कर लिया।