चंडीगढ़: पंजाब के वित्त, योजनाबंदी, आबकारी और कराधान मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बुधवार को आई. जी. एस. टी. के निपटारे के लिए राज्य में रजिस्टर करदाताओं की तरफ से इनपुट टैक्स क्रेडिट ( आई. टी. सी.) की वापसी को विचारने के लिए केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री निर्मला सीतारमण से निजी दखल की मांग की है।
केंद्रीय वित्त मंत्री को लिखे पत्र में हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि यह देखा गया है कि चाहे राज्य में रजिस्टर्ड करदाताओं ने इनपुट टैक्स क्रेडिट की बड़ी रकम को वापस किया है। परन्तु आई. जी. एस. टी. के निपटारे के लिए इस संबंधी विचार नहीं किया गया है।
मंत्री चीमा ने उदाहरण देते हुए कहा कि मैसर्ज एच. पी. सी. एल. मित्तल एनर्जी लिमटिड ( जी. एस. टी. आई. एन. 03 ऐऐबीसीजी5231एफआईजेड8) की तरफ से वित्तीय साल 2018-19 में 223 करोड़ रुपए, वित्तीय साल 2019-20 में 230 करोड़ रुपए और वित्तीय साल 2020-21 में 227 करोड़ रुपए की आई. टी. सी. वापस की गई।
उन्होंने आगे कहा कि उक्त मियाद के लिए आई. जी. एस. टी. निपटारा करने की प्रक्रिया के दौरान उपरोक्त रकम को ध्यान में नहीं रखा गया, जिससे राजस्व सम्बन्धी राज्य के उचित हिस्से को अनदेखा किया गया है। उन्होंने आगे कहा, ‘‘मुझे सूचित किया गया है कि यह मुद्दा हमारे अधिकारियों की तरफ से भारत सरकार के समक्ष लगातार उठाया गया है परन्तु अभी तक इस सम्बन्धी कोई हल नहीं निकला।’’
राज्य के राजस्व सम्बन्धी इस मुद्दे की महत्ता का जिक्र करते हुये स. चीमा ने केंद्रीय मंत्री से अपील की कि इस मामले के जल्द से जल्द हल के लिए उनका निजी दख़ल बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि जी. एस. टी. मुआवजा प्रणाली की मियाद ख़त्म होने से इस मुद्दे की महत्ता और बढ़ी है।