चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नाम स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के नाम पर रखने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि मोहाली हवाई अड्डे का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने की मांग को स्वीकार करने के लिए वह प्रधानमंत्री के आभारी हैं।
कैप्टन ने कहा कि देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले और लाखों देशवासियों को प्रेरणा देने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी को यह उचित श्रद्धांजलि है।
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Grateful to PM @narendramodi ji for accepting our demand of renaming Mohali airport after Shaheed Bhagat Singh.
This is a befitting tribute to the great freedom fighter who gave his life for the country and is an inspiration to millions of fellow countrymen.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) September 25, 2022
बता दें कि पीएम मोदी ने रविवार को मन की बात में चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने की घोषणा की थी।
प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ की बड़ी बातें (Mann Ki Baat):
– हमारे त्योहारों के साथ देश का एक नया संकल्प भी जुड़ा है। यह संकल्प ‘वोकल फॉर लोकल’ का है। आने वाले 2 अक्टूबर को बापू की जयंती के मौके पर इस अभियान को और तेज करने का संकल्प लेना है। खादी, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट इन सारे प्रोडक्ट के साथ लोकल सामान जरूर खरीदें।
– आप सब भी नेशनल गेम्स को जरूर फॉलो करें और अपने खिलाड़ियों का हौसला बढाएं। कोविड महामारी की वजह से पिछली बार के आयोजनों को रद्द करना पड़ा था। इस खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले हर खिलाड़ी को मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं। इस दिन खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए मैं उनके बीच में ही रहूंगा।
– गुजरात में 29 सितंबर से होने वाले राष्ट्रीय खेलों के बारे में जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी को राष्ट्रीय खेलों को देखना चाहिए और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करें और उनका हौसला बढ़ाएं।
– टीबी का इलाज सही पोषण, सही समय पर सही दवाओं से संभव है। मेरा मानना है कि जनभागीदारी की इस शक्ति से भारत निश्चित रूप से वर्ष 2025 तक टीबी से मुक्त हो जाएगा।
– दूसरों का हित करने के समान, दूसरों की सेवा करने, उपकार करने के समान कोई और धर्म नहीं है।
– मेरठ का ‘कबाड़ से जुगाड़’ पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ शहर के सौंदर्यीकरण भी कर रहा है।
– भारत का सौभाग्य है कि करीब 7500 किलोमीटर से अधिक लम्बी कोस्टलाइन के कारण हमारा समुंद्र से नाता अटूट रहा है। यह तटीय सीमा कई राज्यों और द्वीपों से होकर गुजरती है।
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– भारत के अलग-अलग समुदायों और विविधताओं से भरी संस्कृति को यहां फलते-फूलते देखा जा सकता है। इतना ही नहीं, इन तटीय इलाकों का खानपान लोगों को खूब आकर्षित कर रहा है। लेकिन इन मजेदार बातों के साथ ही एक दुखद पहलू भी है। हमारे ये तटीय क्षेत्र पर्यावरण से जुडी कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
– दुनिया अब इस बात को स्वीकार कर चुकी है कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग बहुत ज्यादा कारगर है। विशेषकर शुगर और ब्लड प्रेशर से जुड़ी मुश्किलों में योग से बहुत मदद मिलती है।
– हेमकोश का ब्रेल संस्करण करीब 10 हज़ार पन्नों का है और यह 15 Volumes से भी अधिक में प्रकाशित होने जा रहा है। इसमें 1 लाख से भी अधिक शब्दों का अनुवाद होना है। मैं इस संवेदनशील प्रयास की बहुत सराहना करता हूं।
– अमृत महोत्सव अभियान के बारे में जिर्क करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “हमारे देश में अमृत महोत्सव का जो अभियान चल रहा है उन्हें हम पूरे मनोयोग से मनाएं, अपनी खुशियों को सबके साथ साझा करें।
– मैं सिर्फ दो शब्द कहूंगा, लेकिन मुझे पता है कि आपका जोश चार गुना ज्यादा बढ़ जाएगा। ये दो शब्द हैं- Surgical Strike. बढ़ गया ना जोश!
– आज 25 सितंबर को देश के प्रखर मानवतावादी, चिंतक पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्मदिन मनाया जाता है। उनके विचारों की खूबी यही रही है उन्होंने अपने जीवन में विश्व की बड़ी उथल-पुथल को देखा था। वे विचारधाराओं के संघर्षों के साक्षी बने।
– अभी कुछ दिन पहले ही देश ने कर्तव्यपथ पर नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की मूर्ति की स्थापना के जरिये भी ऐसा ही एक प्रयास किया है और अब शहीद भगत सिंह के नाम से चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम इस दिशा में एक और कदम है।
– 28 सितंबर को शहीद भगत सिंह की जयंती पर चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा जायेगा।
– चीतों को लेकर जो हम अभियान चला रहे हैं, आखिर उसका नाम क्या होना चाहिए? क्या हम इन सभी चीतों के नामकरण के बारे में भी सोच सकते हैं? इनमें से हर एक को किस नाम से बुलाया जाए? वैसे ये नामकरण अगर ट्रेडिशनल हो तो काफी अच्छा रहेगा।
– एक टास्क फ़ोर्स बनी है जो यह टास्क फोर्स चीतों की मोनिटरिंग करेगी और ये देखेगी कि यहाँ के माहौल में वो कितने घुल-मिल पाए हैं। इसी आधार पर कुछ महीने बाद कोई निर्णय लिया जाएगा और तब आप चीतों को देख पायेंगे।
– देशभर में लोगों ने भारत में चीतों के लौटने पर खुशियां जताई है। 130 करोड़ भारतवासी खुश हैं, गर्व से भरे हैं। यह भारत का प्रकृति प्रेम है।
इस कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी और दूरदर्शन के पूरे नेटवर्क, आकाशवाणी समाचार की वेबसाइट और न्यूजएयर मोबाइल एप पर किया जाता है। इसका सीधा प्रसारण डीडी न्यूज, पीएमओ और सूचना और प्रसारण मंत्रालय के यूट्यूब चैनलों पर भी किया जाता है।
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