राइस शैलर मालिकों को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने आगामी धान के खरीद सीजन के दौरान मिल कम्पलैक्सों के विरुद्ध चालू पूंजी के लिए कर्ज़े की इजाज़त दे दी है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये ख़ाद्य, सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामलों संबंधी मंत्री श्री लाल चंद कटारूचक्क ने बताया कि कारोबार चलाने की ज़मीनी हकीकतों को ध्यान में रखते हुये ख़ाद्य और सिविल सप्लाई विभाग ने धान के सीजन के दौरान मिलों की तरफ से चालू पूँजी का प्रबंध करने के सीमित उद्देश्य के लिए कर्ज़े की इजाज़त देने का फ़ैसला किया।
मंत्री ने कहा कि उन मिल्लरों को भी इजाज़त दी गई है जिन्होंने मिल को स्थापित करने के लिए इंडस्टरियल पॉलिसी के अधीन कर्ज़ लिया था जिस पर उनको सब्सिडी मिली थी। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से राज्य में उद्योगों के लिए उपयुक्त माहौल सृजित करने हेतु रचनात्मक नीतियाँ बनाईं जा रही हैं।
जानकारी देते हुये मंत्री ने कहा कि असाधारण हालातों में, जहां चालू पूंजी की हद विभाग की तरफ से निर्धारित हद से अधिक है, मिल्लर को या तो दो ऐसी मिलें जिनकी ज़मीन पर कोई लोन नहीं है, की गारंटी या अलाट किये गए औसत धान के 20 प्रतिशत हिस्के के समान बैंक गारंटी के साथ धान के सीजन में हिस्सा लेने की मंजूरी दी गई है।
मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि राइस मिल्लरों की तरफ से नयी कस्टम मिलिंग नीति की भरपूर सराहना की गई है।
उन्होंने आगे कहा कि उपरोक्त कदम न सिर्फ़ विभाग के हितों को सुरक्षित करने में सहायक होंगे बल्कि राज्य में कारोबार की कार्यशीलता का वास्तविक मूल्यांकन भी करेंगे।