अमित पांडेय, चंडीगढ़: पराली की समस्या पर सहायता के लिए पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था जिसे ठुकरा दिया गया है। पंजाब की भगवंत मान सरकार ने प्रस्ताव दिया था कि किसानों को केंद्र सरकार की तरफ से 1500 रुपए प्रति एकड़, पंजाब सरकार की तरफ से 500 रुपए प्रति एकड़ और दिल्ली सरकार की तरफ से 500 रुपए प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता दी जाए। इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया है।
केंद्र की तरफ से प्रस्ताव ठुकराए जाने के बाद, सीएम भगवंत मान ने कहा है कि हम हर तरीके से किसानों से अपील करेंगे कि वे पराली न जलाएं। वीडियो जारी कर सीएम भगवंत मान ने बताया है कि पंजाब में 75 लाख एकड़ जमीन पर धान बोया जाता है, जिनमें से लगभग 37 लाख एकड़ जमीन पर लोग खुद से पराली नहीं जलाते।
पंजाब सरकार कर रही ये प्रबंध
भगवंत मान ने कहा है कि बाकी 38 लाख एकड़ जमीन पर किसान पराली में आग न लगाएं, उसके लिए हम मशीनों का प्रबंध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से 1 लाख 5 हजार मशीनों की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने पराली न जलाने को लेकर किसानों को जागरूक करने का फैसला किया है। इसके लिए एक विशेष टीम का गठन भी किया गया है।
बता दें कि पंजाब में जलाई जाने वाली पराली से राजधानी दिल्ली में होने वाले प्रदूषण को लेकर भी पंजाब की सरकार ने एयर क्वालिटी कमीशन को एक प्रस्ताव भेजा था। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस बारे में जानकारी दी था।
एयर क्वालिटी कमीशन को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया था कि किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 2500 रुपये कैश इंसेंटिव दी जाए। पंजाब-दिल्ली सरकार 500-500 रुपये का जबकि केंद्र सरकार 1500 रुपये प्रति एकड़ का योगदान दे। फिर किसान चाहे जो मर्जी टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करें और पराली न जलाएं।