गांधीनगर: गुजरात विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन हंगामे के बीच कांग्रेस के 12 विधायकों को बुधवार को दिनभर के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया।
बता दें कि कांग्रेस के विधायकों ने आंदोलनकारी सरकारी कर्मचारियों के मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की जिससे सत्तारूढ़ दल ने इनकार कर दिया। इसके बाद कांग्रेसी विधायक हंगामा करने लगे जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष निमाबेन आचार्य ने उन्हें सत्र को बाधित करने के आरोप में निलंबित कर दिया।
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"2 दिन के सत्र में हमारे 12 विधायकों को सस्पेंड कर दिया, यह लोकतंत्र की हत्या है" : @jigneshmevani80
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— News24 (@news24tvchannel) September 21, 2022
नेता प्रतिपक्ष सुखराम राठवा ने मांग की कि विधायकों को महंगाई, खराब सड़कों और पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए सरकारी कर्मचारियों के आंदोलन जैसे लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों को उठाने की अनुमति दी जाए। इसके बाद अध्यक्ष ने अनुमति नहीं दी तो कांग्रेस विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल पर चर्चा की मांग की।
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इस पर, कानून और संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने विधायक जिग्नेश मेवाणी और अन्य को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जो विरोध में वेल में पहुंचे थे। गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने भी राजेंद्र त्रिवेदी का समर्थन किया। इसके बाद सदन के अध्यक्ष ने एक दिन के लिए विधायकों को निलंबित कर दिया।
उधर, कांग्रेस के 12 विधायकों के निलंबन के बाद सदन में मौजूद अन्य कांग्रेस विधायकों ने वॉकआउट कर दिया। बता दें कि इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले भी कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा के सामने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी।
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