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Noida News: नोएडा में 2 साल में नहीं घटा प्रदूषण का एक भी हाटस्पाॅट, सांस लेना हुआ मुश्किल

Noida News: नोएडा में लगातार सांस लेना मुश्किल हो रहा है. सोमवार को नोएडा के सेक्टर 125 का वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्ूयआई 350 रहा. नोएडा अभी भी देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : praveen vikram Updated: Oct 27, 2025 12:58

Noida News: नोएडा में लगातार सांस लेना मुश्किल हो रहा है. सोमवार को नोएडा के सेक्टर 125 का वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्ूयआई 350 रहा. नोएडा अभी भी देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है. ग्रेप-2 के तहत लागू पाबंदियों के बावजूद शहर की हवा में कोई सुधार नहीं दिख रहा है. लोग आंखों की जलन की समस्या से लगातार जूझ रहे है.

नहीं हुआ कोई बदलाव

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नोएडा में 10 प्रदूषण हॉटस्पॉट चिन्हित किए हैं. चिंता की बात यह है कि पिछले वर्ष भी यही क्षेत्र अत्यधिक प्रदूषित श्रेणी में शामिल थे और दो साल बीत जाने के बाद भी इन इलाकों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

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दो साल से हॉटस्पॉट की सूरत जस की तस

2023 में शहर में 8 हॉटस्पॉट थे, जो अब बढ़कर 10 हो गए हैं. प्रदूषण के साथ-साथ हॉटस्पॉट की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. सेक्टर 151, 158, 140, 143 को निर्माण कार्य से उठने वाली धूल, सेक्टर 50, 51 को बड़ी निर्माण परियोजनाओं और एमिटी यूनिवर्सिटी परिसर सेक्टर 125 को आतिशबाजी गतिविधियों के कारण हॉटस्पॉट घोषित किया गया है. इसके अलावा सेक्टर 115, 116, सेवन-एक्स, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, यमुना पुश्ता, पुश्ता रोड, दादरी रोड, सेक्टर 62 और 104 को भी प्रदूषणग्रस्त क्षेत्रों की सूची में शामिल किया गया है.

कार्रवाई सिर्फ कागजों में सीमित

प्रदूषण नियंत्रण के लिए नोएडा प्राधिकरण ने 14 टीमें गठित की हैं. लेकिन स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन टीमों ने केवल नोटिस थमाने तक ही काम सीमित रखा है. नतीजा यह कि हॉटस्पॉट की हवा पहले से अधिक गंभीर और दमघोंटू हो गई है.

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धूल और धुएं से घिरा जीवन

नोएडा के सेक्टर 50 निवासी आरके शर्मा ने बताया कि यहां नाले की बदबू और वाहनों के धुएं से सांस लेना मुश्किल हो गया है. सुबह और रात को ट्रैफिक जाम में शोर और धुआं दोनों बढ़ जाते हैं. हवा में कार्बन की मात्रा इतनी है कि आंखों और गले में जलन रहती है. वहीं कर्नल टीएस कुमार का कहना है कि जल विभाग ने पाइपलाइन बिछाने के लिए खुदाई तो कर दी, लेकिन मिट्टी खुले में छोड़ दी. धूल घरों में भर जाती है, कपड़ों पर जम जाती है.

प्रदूषण से बढ़ती बीमारियां

चिन्हित हॉटस्पॉट इलाकों में रहने वाले लोगों में नाक में खुजली, आंखों में जलन, सांस की तकलीफ और चर्म रोग जैसी दिक्कतें तेजी से बढ़ रही हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि तुरंत ठोस कदम नहीं उठाए गए तो सर्दियों में ज्यादा दिक्कत हो सकती है.

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First published on: Oct 27, 2025 12:58 PM

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