Noida News: उत्तर प्रदेश के नोएडा में पकड़े गए चीनी नागरिकों के मामले में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। यूपी एसटीएफ को जानकारी मिली है कि पकड़े गए तीन चीनी नागरिक वीजा खत्म होने के बाद भी भारत में रह रहे थे और कागजों में फर्जी कंपनियां चला रहे थे। यूपी एसटीएफ और स्थानीय पुलिस मामले की जांच कर रही है।
नेपाल सीमा से गिरफ्तारी के बाद खुले राज
आपको बता दें कि इसी साल जून में सुरक्षा बलों ने नेपाल सीमा से दो चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। उन पर भारत में जासूसी करने का शक था। उनसे पूछताछ के बाद ग्रेटर नोएडा में रहने वाले दो और आरोपितों को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था। इनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने भारतीय नागरिकों समेत कई लोगों को गिरफ्तार करके पूरे मामले का पर्दाफाश किया था। पुलिस और एसटीएफ ने भी इन लोगों को अन्य साथियों की तलाश शुरू कर दी।
नोएडा में रह रहे तीन और चीनी गिरफ्तार
मामले की जांच के दौरान एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने सेक्टर-93 से शनिवार को चीन के तीन और नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इनके नाम ल्यू पेनफी, चेन जुफेंग और हेंग क्यूचाओ हैं। सभी वीजा खत्म होने के बाद अवैध रूप से भारत में रह रहे थे। इतना ही नहीं, इन आरोपियों ने कागजों में पांच फर्जी कंपनियां भी चला रखी थीं। एसटीएफ को शक है कि इससे हवाला कारोबार किया जा रहा था। साथ ही तीनों के किसी विशेष नंबरों की कार चलाने की भी चर्चाएं हैं।
नागालैंड के पते पर फर्जी दस्तावेज मिले
चेन जुफेंग और ल्यू पेनफी ने नागालैंड के पते पर पहचान पत्र, आधार और पैन कार्ड बनवा लिए थे। जांच एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों के मुताबिक मामले की अभी जांच की जा रही है। आपको बता दें कि अभी तक किसी भी जांच एजेंसी या फिर स्थानीय पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि इन चीनी नागरिकों को असल मकसद क्या था। स्थानीय पुलिस और जांच एजेंसियां इन लोगों से जुड़े हर एक इंसान और कंपनियों के बारे में पड़ताल कर रही है। साथ ही ग्रेटर नोएडा में पिछले दिनों पकड़े गए चीनी रेस्त्रां से जुड़े तारों के बारे में भी पड़ताल की जा रही हैं।