Noida News: नोएडा में औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की जिन कंपनियों को भूखंड आवंटित किए गए थे, उनकी सुस्ती अब जांच के दायरे में आ गई है. प्राधिकरण ने 10 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इन कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने तय समय सीमा में अपनी इकाइयों का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया.
सरकार ने दी सब्सिडी
प्राधिकरण की ओर से स्पष्ट किया गया है कि जिन कंपनियों को नोटिस भेजे गए हैं, उनमें से कई को सरकार की ओर से सब्सिडी भी प्रदान की गई थी. इसके बावजूद जमीन मिलने के काफी समय बाद तक भी न तो निर्माण कार्य शुरू हुआ और न ही उत्पादन गतिविधियां आरंभ की गई.
कुछ कंपनियों ने दिया जवाब
कुछ कंपनियों ने प्राधिकरण को अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब भेजा है. उनका कहना है कि कई मामलों में प्लॉट पर कब्जा मिलने में देरी हुई, कुछ स्थानों पर सड़क या संपर्क मार्ग की समस्या रही. वहीं कुछ कंपनियों ने निर्माण योजनाओं में बदलाव का हवाला दिया है, जिससे परियोजनाएं समय पर शुरू नहीं हो सकी.
शासन स्तर पर हुई थी समीक्षा
हाल ही में शासन स्तर पर उन कंपनियों की प्रगति की समीक्षा की गई थी जिन्हें सरकारी प्रोत्साहन या सब्सिडी मिली है. इस समीक्षा में प्राधिकरण से उन इकाइयों की वर्तमान स्थिति मांगी गई थी. शासन की सिफारिश पर ही देरी करने वाली कंपनियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए थे.
विकास योजनाओं में बाधा
औद्योगिक भूखंडों का समय से उपयोग न होने से क्षेत्रीय विकास और रोजगार सृजन की योजनाओं पर भी असर पड़ता है. ऐसे में प्राधिकरण का यह कदम जवाबदेही तय करेगा. भविष्य में भूखंड आवंटन प्रक्रिया को पारदर्शी भी बनाएगा.
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