New Delhi: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि 2023 में 15 मार्च तक 54 आतंकवादी और 44 आंतकी संगठनों को गैर कानूनी गतिविधियां अधिनियम (Unlawful Activities Prevention Act-UAPA) के तहत प्रतिबंधित किया गया है। इनमें चार संगठन सबसे ज्यादा खूंखार हैं।
दरअसल, नित्यानंद राय बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी के सवाल के जवाब में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि इन संगठनों का देश में किसी न किसी आतंकी घटनाओं में संलिप्तता रही है। इन संगठनाें और आतंकवादियों को यूएपीए अधिनियम की पहली लिस्ट में शामिल किया गया है।
4 organizations notified as terrorist outfits under UAPA in 2023, 44 so far: MoS Nityanand Rai
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---विज्ञापन---— ANI Digital (@ani_digital) March 15, 2023
ये चार संगठन हैं
द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF), पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF), जम्मू और कश्मीर गजनवी फोर्स (JKGF) और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF)।
अब जानें इन संगठनों की कुंडली
द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF): ये लश्कर-ए-तैयबा का एक छद्म संगठन है और 2019 में अस्तित्व में आया। यह जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा बल के जवानों और निर्दोष नागरिकों की हत्याओं की योजना में शामिल रहा है। ये हथियारों की तस्करी, आतंकियों की भर्ती, घुसपैठ और नशीले पदार्थों की तस्करी करता है।
पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF): ये जैश-ए-मोहम्मद का एक छद्म संगठन है और 2019 में अस्तित्व में आया था। यह युवाओं के कट्टरपंथीकरण में शामिल रहा है। बंदूक, गोला-बारूद और विस्फोटकों के भंडारण, भर्ती, सुरक्षा बलों, राजनेताओं को धमकाना। सोशल मीडिया के जरिए आतंक फैलाना इसका मकसद है।
जम्मू और कश्मीर गजनवी फोर्स (JKGF): ये 2020 में एक आतंकवादी संगठन के रूप में सामने आया और लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीक-उल, मुजाहिद्दीन, हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी जैसे विभिन्न अभियुक्त आतंकवादी संगठनों के कैडर्स को शामिल करता है।
यह जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में घुसपैठ की कोशिशों, नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी और आतंकी हमलों को अंजाम देने में शामिल रहा है। यह भारतीय सुरक्षा बलों को धमकी देता रहा है और घाटी में लोगों को आतंकी बनने के लिए उकसाता रहता है।
खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ): 2011 में बब्बर खालसा इंटरनेशनल की एक शाखा के रूप में अस्तित्व में आया। यह आतंकवाद को बढ़ावा देता है।
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