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मुंबई

वक्फ संशोधन विधेयक को देशभर के उलेमा और मशाइख ने किया खारिज, मुंबई में की आपात बैठक

पूरे देश में वक्‍फ संशोधन बिल की चर्चा हो रही है। लोकसभा में बुधवार देर रात 2 बजे यह बिल पास हो गया। राज्‍यसभा से बिल पास होने के बाद यह कानून बन जाएगा। इसी बीच ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा और रजा एकेडमी की अगुवाई में मुंबई की हांडी वाली मस्जिद में आपात बैठक की गई। इस बैठक में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को उलेमा और मशाइख ने खारिज करने का निर्णय लिया।

Author Written By: Vinod Jagdale Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Apr 3, 2025 18:13
Ulema and Mashaikh Emergency meeting in Mumbai

देशभर में चर्चा का विषय बने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लोकसभा में पारित किए जाने के बाद अब राज्यसभा से पास होने की संभावना है। लोकसभा में लगभग 12 घंटे लंबी बहस के बाद बुधवार देर रात करीब 2 बजे यह विधेयक पारित कर दिया गया, जिसके बाद मुस्लिम समुदाय में कड़ा विरोध देखने को मिल रहा है। विशेष रूप से उलेमा और मशाइख इस विधेयक के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं और अब संवैधानिक दायरे में रहते हुए शांतिपूर्ण संघर्ष की तैयारी कर रहे हैं।

मुंबई में उलेमा की आपात बैठक

वक्फ संशोधन विधेयक के लोकसभा में पारित होने के बाद मुंबई की हांडी वाली मस्जिद में ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा और रजा एकेडमी की अगुवाई में एक आपात बैठक बुलाई गई। इस बैठक में बड़ी संख्या में उलेमा, मस्जिदों के इमाम और मदरसों के शिक्षक शामिल हुए और इस कानून के प्रति गहरा आक्रोश व्यक्त किया।

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रजा एकेडमी के प्रमुख हाजी मोहम्मद सईद नूरी का बयान

बैठक की अध्यक्षता करते हुए रजा एकेडमी के प्रमुख हाजी मोहम्मद सईद नूरी ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक का पारित होना न केवल भारत के मुसलमानों बल्कि संविधान में विश्वास रखने वाले सभी नागरिकों के लिए एक बड़ा झटका है। उन्होंने कहा कि इस कानून के जरिए दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने आगे कहा, ‘वक्फ संपत्तियों पर केवल मुसलमानों का अधिकार है, कोई दूसरा इस पर कब्जा नहीं कर सकता। यह कानून एकतरफा तरीके से मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता छीनने का प्रयास है और दूसरी तरफ एक खास वर्ग को खुश करने के लिए वोट बैंक की राजनीति हो रही है, लेकिन अब यह लड़ाई संविधान के दायरे में रहकर सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी जाएगी। हम किसी भी कीमत पर चुप नहीं बैठेंगे।’

मस्जिदों के इमामों से अपील

हाजी सईद नूरी ने सभी मस्जिदों के इमामों और उलेमा से अपील की कि वे जुमे के खुतबे में वक्फ की शरई हैसियत और उसके महत्व पर रोशनी डालें ताकि आम जनता को भी वक्फ की संपत्तियों की अहमियत समझायी जा सके।

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अन्य उलेमा के तीखे बयान

मौलाना एजाज अहमद कश्मीरी ने गहरी नाराजगी जताते हुए कहा, ‘बीजेपी सरकार ने सोची-समझी साजिश के तहत यह विधेयक मुसलमानों पर थोपा है, ताकि वक्फ की जमीनों पर आसानी से कब्जा किया जा सके। गृह मंत्री अमित शाह ने जिस तरीके से कहा कि यह कानून सभी को मानना होगा, हम उन्हें साफ शब्दों में कहना चाहते हैं कि जबरदस्ती थोपा गया कानून हमें मंजूर नहीं है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘अगर मुस्लिम वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल किया जा सकता है तो क्या राम मंदिर और अन्य हिंदू मंदिरों में किसी मुसलमान को चेयरमैन बनाया जाएगा? अगर यह संभव नहीं है तो फिर मुस्लिम धार्मिक मामलों में दखलअंदाजी क्यों हो रही है?’

‘मुस्लिम महिलाओं को वक्फ बिल के नाम पर गुमराह किया जा रहा’

मौलाना अमानुल्लाह रजा खान ने कहा, ‘केंद्र सरकार हर मोर्चे पर मुसलमानों को परेशान कर रही है। पहले तीन तलाक, फिर CAA-NRC और अब वक्फ की जमीनों पर कब्जे का कानून। खास तौर पर मुस्लिम महिलाओं को वक्फ बिल के नाम पर गुमराह किया जा रहा है, जो बेहद निंदनीय और सोची-समझी साजिश है।’ मौलाना खलीलुर्रहमान नूरी ने कहा कि
‘आज बीजेपी की सहयोगी पार्टियां भले ही उसके साथ हैं, लेकिन एक दिन ऐसा आएगा जब बीजेपी खुद ही इन पार्टियों को निगल जाएगी, जिसका अंदाजा शायद अभी नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को नहीं है।’

मौलाना मोहम्मद अब्बास रिजवी ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘वक्फ संशोधन विधेयक को उम्मीद की ‘किरण’ कहा जा रहा है, लेकिन यह ‘किरण’ केवल रिजिजू के लिए है, बाकी मुसलमानों के लिए तो अंधेरा ही अंधेरा है।’

सख्त विरोध और चेतावनी

मौलाना जफरुद्दीन रिजवी ने कहा कि अब मुसलमानों को डरकर नहीं बल्कि डटकर संविधान के तहत अपने हक के लिए मैदान में उतरना होगा। मौलाना अजमत अलीमी और मौलाना जहांगीर कादरी ने संयुक्त रूप से कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक 2024 किसी भी हाल में हमें मंजूर नहीं है। सामाजिक कार्यकर्ता इरफान डियोटे ने कहा कि जो पार्टियां मुस्लिम वोटों से सालों तक सत्ता में बनी रहीं, उनका असली चेहरा अब सामने आ गया है। मुसलमानों को इन्हें सही तरीके से पहचान लेना चाहिए।

First published on: Apr 03, 2025 06:10 PM

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