वक्फ बिल संसद से पारित हो चुका है। अब जल्द ही इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद सरकार गैजेट नोटिफिकेशन के जरिए इस कानून को लागू कर देगी। इस बीच देशभर में इस मुद्दे को लेकर सियासत हो रही है। देश के 8 राज्यों में इस बिल को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच महाराष्ट्र में ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के महासचिव ने बड़ा बयान दिया है। उलेमा बोर्ड के महासचिव बोनाई हस्नी ने वक्फ बिल को लेकर कहा कि इस बिल में बहुत खराबी है।
हस्नी ने कहा कि इस बिल में सबसे खराब बात यह है कि वक्फ की प्रॉपर्टी पर यदि कोई सरकारी अधिकारी दावा करे कि यह जमीन सरकार की है तो वक्फ और उस सरकारी अधिकारी के बीच का मामला एक दूसरा सरकारी अधिकारी ही सुलझाएगा। इसे हम किसी दूसरे कोर्ट में चैलेंज नहीं कर सकते। ऐसा कानून हमने आज तक नहीं देखा। ऐसे में तो कोई भी मस्जिद, ईदगाह, कब्रिस्तान पर जाकर कहेगा कि यह सरकारी जमीन है। ऐसे तो वक्फ की सारी प्राॅपर्टी ही हड़प ली जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसा देश में सिर्फ मुस्लिमों के साथ ही नहीं होगा, बल्कि कल सिख और ईसाईयों के साथ भी ऐसा हो सकता है।
सारे काले कानून रात में ही पास हुए
बोनाई ने आगे कहा कि पिछले 10 साल में इतिहास रहा है कि सारे काले कानून रात में ही पास किए जाते हैं। हम उन तमाम सांसदों का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने इसका विरोध किया है। हम बालासाहेब के बेटे उद्धव ठाकरे का शुक्रगुजार करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि वे आने वाले समय में सभी मुस्लिम माइनाॅरिटी, दलित और अल्पसंख्यकों के साथ खड़े रहेंगे।
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सुप्रीम कोर्ट में लड़ेंगे कानूनी लड़ाई
उलेमा बोर्ड के महासचिव ने आगे कहा कि संजय राउत को संसद में जो करना था, वो कर लिया है। अब हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और अपनी कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। संजय निरूपम जो हर मुद्दे पर सिर्फ अपना राजनीतिक एजेंडा चलाते हैं। उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। आज अगर उद्धव बालासाहेब ठाकरे और शिवसेना यूबीटी हमारे साथ हैं तो हम भी उनके साथ हैं। कल अगर वो साथ नहीं रहे तो हम भी उनके साथ नहीं रहेंगे। राजनीति में साथ वही रहता है जो नीति और परिस्थिति के साथ चलता है।
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