एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर देशवासियों से राजनीतिक मतभेद भुलाकर एकजुट होने की अपील की है। पुणे के सासवड़ के एक कार्यक्रम में कहा कि पिछले दो दिनों से देश पहलगाम में हुए इस भीषण हमले से स्तब्ध है, जिसमें कई निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। पवार ने कहा कि यह हमला किसी जाति या धर्म पर नहीं, बल्कि भारत पर हमला था। जब भारतीयों पर हमला होता है, तब पूरे देश को एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए।
केंद्र सरकार ने नेताओं की बुलाई बैठक
उन्होंने बताया कि हाल ही में केंद्र सरकार ने सभी दलों के नेताओं की एक बैठक बुलाई थी, जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से सुप्रिया सुले ने भाग लिया। इस बैठक में रक्षामंत्री और गृहमंत्री ने भी माना कि कहीं न कहीं हमसे चूक हुई, लेकिन इस समय प्राथमिकता पीड़ितों के जीवन में विश्वास बहाल करने की है, न कि दोषारोपण करने की।
कश्मीर के आम लोगों ने दिया भाईचारे का परिचय
पवार ने बताया कि हमले के बाद उन्होंने कश्मीर के कई मित्रों और सहयोगियों से बात की। विजय धर ने उन्हें बताया कि कश्मीर के आम लोगों ने इस हमले के बाद भी एकता और भाईचारे का परिचय दिया और आतंकवाद का विरोध किया। पवार ने कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से भी बातचीत की। उमर ने आश्वस्त किया कि कश्मीर और उसके लोग भारत से अपने संबंधों से कभी समझौता नहीं करेंगे। हम किसी भी कीमत पर यहां की एकता और भाईचारा टूटने नहीं देंगे।
शरद पवार ने यह भी याद दिलाया कि फारूक अब्दुल्ला से उनके पुराने संबंध रहे हैं और एक दौर में जब कश्मीर में हालात बेहद खराब थे, तब उमर अब्दुल्ला ने मुंबई में अपनी पढ़ाई पूरी की थी। आज वही उमर अब्दुल्ला एकजुटता की आवाज बुलंद कर रहे हैं। पवार ने आगाह किया कि कुछ लोग इस हमले को धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, जो देश के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि हमें उस रास्ते पर नहीं जाना चाहिए। हमें सभी धर्मों और जातियों की एकजुट ताकत से आतंकवाद का मुकाबला करना होगा।
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