Maharashtra News: धुले के एक सरकारी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 102 अब पूरे महाराष्ट्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। 22 मई को धुले जिले के इस सरकारी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 102 से 1 करोड़ 84 लाख 84 हजार रुपये नकद बरामद होने के बाद से राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है। शनिवार को शिवसेना (उद्धव गुट) के राज्यसभा सांसद संजय राउत धुले पहुंचे और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर उसी कमरे का निरीक्षण किया जहां से यह भारी-भरकम नकदी मिली थी।
मुख्यमंत्री की SIT पर भी सवाल उठाए
संजय राउत ने इस मौके पर सरकार को घेरते हुए कहा कि देशभर में अब कमरा नंबर 102 की चर्चा है। इस पर तो फिल्म बननी चाहिए! जो सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की बात करती है, अब देखना है कि क्या मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस मामले में किसी को जेल भेज पाएंगे? राउत ने मुख्यमंत्री की SIT पर भी सवाल उठाए और चेतावनी देते हुए कहा कि नकदी पर कार्रवाई धीमी है, लेकिन भाजपा के नेताओं को चुनौती देने वाले कार्यकर्ताओं पर तुरंत झूठे केस दर्ज हो जाते हैं। यह बंद करो नहीं तो जनता जवाब देगी। इतना ही नहीं, राउत ने विपक्षी दलों की चुप्पी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष इस मामले पर चुप है, तो उन्हें साफ़ कर देना चाहिए कि क्या वे अब सरकार में शामिल हो गए हैं?
22 मई को मिला था कैश
जानकारी के मुताबिक, शिवसेना यूबीटी के कार्यकर्ताओं को इस नकदी की सूचना पहले ही मिल गई थी, जिसके बाद उन्होंने कमरा नंबर 102 को बाहर से बंद कर मोर्चा और तालाबंदी की थी। फिर पुलिस को बुलाया गया और छानबीन में भारी मात्रा में कैश मिला।
क्या है पूरा मामला?
21 और 22 मई को महाराष्ट्र विधानमंडल की आकलन समिति के 22 विधायक धुले में विकास कार्यों की समीक्षा के लिए पहुंचे थे। सभी विधायकों के लिए सरकारी गेस्ट हाउस में ठहरने की व्यवस्था की गई थी। इसी गेस्ट हाउस का कमरा नंबर 102, शिवसेना (शिंदे गुट) के जालना से विधायक अर्जुन खोतकर के निजी सहायक किशोर पाटिल के नाम पर पिछले चार से पांच दिनों से बुक था। यहीं से 1 करोड़ 84 लाख 84 हजार 200 रुपये नकद बरामद किए गए।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी रह गए दंग
नोटों की गड्डियों को देखकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी दंग रह गए। मामले के उजागर होते ही विपक्ष ने सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और सवाल उठाया कि इतनी बड़ी राशि आखिर सरकारी गेस्ट हाउस में क्यों और किसके निर्देश पर लाई गई? मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले को गंभीर मानते हुए SIT के गठन का ऐलान तो किया, लेकिन विपक्ष का कहना है कि अब तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।