जातिगत जनगणना को लेकर एक बार फिर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना पर लिए गए हालिया निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राऊत ने राहुल गांधी की भूमिका को निर्णायक बताते हुए कहा कि, “सरकार मोदी की हो सकती है, लेकिन इस समय सिस्टम राहुल का चल रहा है।” राऊत ने कहा कि राहुल गांधी ने बीते दस वर्षों से लगातार जातिगत जनगणना की मांग की है, जिसे उन्होंने संसद से लेकर सड़कों तक उठाया। उन्होंने याद दिलाया कि संसद में दिए गए राहुल गांधी के भाषणों में सामाजिक न्याय और प्रतिनिधित्व का विषय बार-बार प्रमुखता से उठता रहा है।
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भाजपा पर निशाना, अनुराग ठाकुर के बयान का हवाला
संजय राऊत ने भाजपा नेताओं पर इस मुद्दे पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता अनुराग ठाकुर द्वारा राहुल गांधी को लेकर संसद में की गई अपमानजनक टिप्पणी इस बात का प्रमाण है कि भाजपा ने जातिगत जनगणना का खुला विरोध किया था। राऊत ने तंज कसते हुए पूछा, “जब यह मुद्दा इतने वर्षों से उठता रहा है, तब क्या सरकार के कान में रुई ठूंसी थी?” उन्होंने यह भी कहा कि यदि आज सरकार ने जनगणना को लेकर निर्णय लिया है, तो यह बहुजन, दलित, ओबीसी और शोषित वर्गों की जीत है- लेकिन इस जनजागरण का श्रेय देश की जनता और राहुल गांधी को दिया जाना चाहिए।
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संजय राऊत क्या बोले?
संजय राऊत ने इस फैसले के समय पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह निर्णय ऐसे समय में आया जब देश पहलगाम हमले जैसी बड़ी त्रासदी से जूझ रहा है और यह मुमकिन है कि सरकार ने ध्यान भटकाने की रणनीति के तहत इस मुद्दे को आगे बढ़ाया हो। उन्होंने कहा कि सरकार को अगर सच में सामाजिक न्याय की चिंता होती, तो वह जातिगत गणना को अब तक पूरा कर चुकी होती। लेकिन चूंकि अब यह मुद्दा राजनीतिक दबाव में आया है, इसलिए उसे मूल्यांकन और श्रेय का दावा करने का अधिकार नहीं है।
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