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मुंबई

‘100 चूहे खाकर…’, सौगात-ए-मोदी किट पर भड़के प्रकाश आंबेडकर, पीएम मोदी को लेकर कही ये बात

प्रकाश आंबेडकर ने सौगात-ए-मोदी किट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। यह किट मुस्लिमों में बांटी जा रही है, जिसमें खाने-पीने के सामान के अलावा कपड़े भी हैं। प्रकाश आंबेडकर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर कहा कि यह किट लहू से भीगी हुई है।

Author Reported By : Vinod Jagdale Edited By : Parmod chaudhary Updated: Mar 27, 2025 16:10
Prakash Ambedkar

वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष और डॉ. बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सौगात-ए-मोदी किट को लेकर निशाना साधा है। आंबेडकर ने ईद से पहले दी गई किट को लहू से भीगी हुई सौगात बताया है। बीजेपी अल्पसंख्यक विंग द्वारा घोषणा की गई है कि ईद से पहले 32 लाख गरीब अल्पसंख्यक परिवारों को सौगात-ए-मोदी किटें दी जाएंगी। किट में खाने-पीने की चीजों के साथ कपड़े भी शामिल हैं। प्रकाश आंबेडकर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि ‘100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली’ इस मुहावरे को साज करती हुई खबर आ रही है।

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इस रमजान में 32 लाख मुस्लिम भाई-बहनों को मोदी मुबारक दे रहे हैं, जो हाथ मुसलमानों के लहू से तर हैं, गुजरात से लेकर मॉब लिंचिंग में मरने वाले हर मुसलमान तक, आज वो हाथ चांद खजूर और सेवइयां देकर मुसलमानों को बहलाना चाहते हैं। प्रकाश ने लिखा कि क्या मुसलमान तबरेज अंसारी, मोहम्मद अखलाक, जुनैद खान, अलीमुद्दीन अंसारी, पहलू खान, मोहसिन शेख, मोहम्मद कासिम, सिराज खान, जैनुल अंसारी, रकबर खान और ऐसे कई नाम, जो इनकी नफरत की भेंट चढ़ गए। क्या 2002 के दंगों में बिलकिस बानो की चीखों को नजरअंदाज करके मुसलमान सलवार-कमीज और कुर्ता-पायजामा लेगा?

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क्या मुसलमान पैगंबर की शान में गुस्ताखी को नजरअंदाज करके ड्राई फ्रूट्स लेगा? हाल ही में वक्फ तरमीम बिल के जरिये मुसलमानों की जमीन पर निशाना साधा जा रहा था। मुल्कभर में बुलडोजर के जरिए मुसलमानों की पहचान को रौंदा जा रहा है। तमाम हालात के बावजूद मुसलमान किस मुंह से सौगात-ए-मोदी लेने को तैयार हो रहे हैं? यहां सवाल आम मुसलमानों से तो बाद में किया जाएगा, पहले उन मौलवियों से सवाल है, जो इस पर खामोश बैठे हैं।

मौलवियों से किया सवाल

प्रकाश ने आगे लिखा कि वही मौलवी जो चुनाव में एक्सपर्ट बन जाते हैं और ये बताते हैं कि किसको वोट देना है और किसको नहीं देना? वो ये तो कहते हैं कि जो CAA और NRC में तुम्हारे साथ खड़े थे, उनको नजरअंदाज करो, जो पैगंबर की शान में गुस्ताखी के खिलाफ तुम्हारे साथ खड़े थे, उनको नजरअंदाज करो। हर दुख में मुसलमानों के साथ खड़े रहे, उनको नजरअंदाज करवाकर जनेऊधारियों के लिए वोट मांगने वाले मौलवी आज क्यों खामोश हैं? ये कोई नई बात तो नहीं है कि पहले सताया जाए और फिर बहलाया जाए। मुसलमानों, जागो और अपने दोस्त और दुश्मन का फर्क पहचानो। बाकी आप समझदार हैं!

इस चुनाव में नहीं खुला खाता

साल 2019 के चुनाव में वंचित बहुजन अघाड़ी को अल्पसंख्यक समुदाय के अच्छे वोट मिले थे। वंचित के समर्थन से औरंगाबाद सीट से एमआईएम के इम्तियाज जलील चुनाव जीते थे। वंचित की वजह से कांग्रेस और एनसीपी को चुनाव में अच्छा खासा नुकसान झेलना पड़ा था। 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वंचित बहुजन अघाड़ी से अल्पसंख्यक वोटर छिटक गए, लिहाजा कोई उम्मीदवार नहीं जीत सका था।

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Parmod chaudhary

Reported By

Vinod Jagdale

First published on: Mar 27, 2025 04:10 PM

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