Maharashtra Honeytrap case: हाल ही में महाराष्ट्र में एक हनी ट्रैप की चर्चा सामने आई। इसमें राजनेता और 72 वरिष्ठ प्रसाशनिक अधिकारियों के फंसे होने का दावा किया गया। जानकारी के अनुसार, एक महिला ने मुंबई नाका पुलिस स्टेशन नासिक में दर्ज कराई थी कि उसके पास कथित रूप से संवेदनशील वीडियो हैं। तब से VIP हनी ट्रैप चर्चा में आ गया। अब मामले में राजनीति शुरू हो गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदपवार गुट) के प्रवक्ता महेश तापसे ने बुधवार को ‘हनीट्रैप’ कांड पर मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कि यह बेहद चिंताजनक है कि सीनियर प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता कथित तौर पर इसके शिकार हो गए हैं। इससे राज्य में शासन की जिम्मेदारी संभालने वालों की सुरक्षा और भेद्यता पर गंभीर सवाल उठते हैं।
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तापसे ने पूछे ये 4 सवाल
तापसे ने सरकार से 4 बिंदुओं पर जवाब मांगा। कहा कि हनी ट्रैप की घटनाओं का आरोप लगाने वाली मीडिया रिपोर्टों पर सरकार चुप क्यों है? इस व्यापक ‘हनीट्रैप’ अभियान में नौकरशाहों और राजनेताओं सहित इतनी बड़ी संख्या में हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों को कैसे निशाना बनाया गया? खुफिया एजेंसियां समय पर पता लगाने या हस्तक्षेप करने में क्यों विफल रहीं? और भविष्य में ऐसे अपराधों को खत्म करने के लिए क्या उपाय लागू किए जा रहे हैं?
तापसे ने बताया- कैसे होता है हनी ट्रैप?
तपासे ने कहा कि हनी ट्रैप करने वाले लोग खुद को इमरजेंसी में बताते हैं। डिजिटल और व्यक्तिगत बातचीत के माध्यम से विश्वास हासिल करते हैं और फिर झूठे बलात्कार के आरोपों की धमकी देकर ब्लैकमेल करने के लिए गुप्त रूप से आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड करते हैं। यह काम ऑगनाईज क्राइम करने जैसे है।
… खत्म हुआ जनता का भरोसा
राकांपा (SP) नेता ने कहा कि मामले की जांच में जनता को पारदर्शिता की जरूरत है। सरकार इसके लिए क्या कदम उठा रही है कि न्याय शीघ्र मिले और सभी दोषियों को सजा मिले? तापसे ने कहा कि हमारे जनता का प्रशासनिक नेतृत्व पर भरोसा सर्वोपरि है। अगर यह घटना सच है, तो इससे यह भरोसा पूरी तरह से खत्म हो गया है।
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