महाराष्ट्र पुलिस का ब्रीद वाक्य है “सद्रक्षणाय खलनिग्रहणाय”। इसका मतलब है “सज्जनों की रक्षा और दुष्टों का नाश करना।” लेकिन महाराष्ट्र पुलिस का एक कर्मचारी खुद दुष्ट बन गया और अपना गिरोह बनाकर लगभग 1 करोड़ रुपये के नकली नोट छाप डाले। पुणे-बेंगलुरु राजमार्ग पर कासेगांव के पास कार्रवाई करते हुए सांगली पुलिस ने 99 लाख 23 हजार रुपये के नकली नोट जब्त किए। इनमें 500 और 200 रुपये के नकली नोट शामिल हैं। बताया जा रहा है कि ये नकली नोट मुंबई ले जाए जा रहे थे।
इस मामले में कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें कोल्हापुर पुलिस दल का एक पुलिसकर्मी भी शामिल है। उसका नाम इब्राहिम ईनामदार है। कोल्हापुर शहर के रुईकर कॉलोनी इलाके में स्थित इस पुलिसकर्मी की एक चाय की दुकान थी, और इसी दुकान में नकली नोटों की छपाई की जा रही थी। इनके अलावा एक आरोपी मुंबई का और तीन आरोपी कोल्हापुर के निवासी हैं।
महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों में इन नकली नोटों की तस्करी होने की जानकारी भी सामने आई है। पुलिस अब जांच में जुटी है कि क्या इस नकली नोट प्रकरण के तार राष्ट्रीय स्तर पर जुड़े हैं। इस मामले में 11 लाख 75 हजार रुपये की अन्य सामग्री भी जब्त की गई है। पुलिस ने इस नकली नोट के गोरखधंधे में और भी गिरफ्तारियां होने की संभावना जताई है।