महाराष्ट्र में कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद राहत और बचाव कार्यों को लेकर महायुति के भीतर जिम्मेदारियों को लेकर एक तरह की ‘रेस’ शुरू हो गई है। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बीजेपी मंत्री गिरीश महाजन को कश्मीर भेजकर मोर्चा संभालने की जिम्मेदारी दी, तो उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खुद कश्मीर पहुंच गए।
शिंदे के कश्मीर पहुंचते ही सीएम ने एक्स पर 83 यात्रियों की सूची साझा की और ऐलान किया कि उन्हें विशेष विमान से मुंबई लाया जाएगा। इस तेज कार्यवाई के जरिए शिंदे ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है।
कश्मीर हमले के बाद महायुति में राहत कार्यों की रेस तेज
मृतकों के परिजनों और घायलों की मदद के लिए सीएम फडणवीस ने बीजेपी के मंत्रियों को मैदान में उतारा है। मुंबई में आशीष शेलार और मंगल प्रभात लोढ़ा को जिम्मेदारी दी गई है, जबकि पुणे में माधुरी मिसाल को राहत कार्य देखने का जिम्मा सौंपा गया है।
इससे शिवसेना भी चुप नहीं रही उपमुख्यमंत्री शिंदे ने एयरपोर्ट पर तीन शिवसेना मंत्रियों दादा भूसे, भरत गोगावले और योगेश कदम को भेजा गया ताकि लौट रहे यात्रियों और उनके परिजनों की मदद की जा सके। साथ ही, पुणे में स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबिटकर को भी तैनात किया गया, ताकि जख्मियों के इलाज में कोई कमी न रह जाए।
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अजीत पवार ने जम्मू-कश्मीर सरकार से मदद की अपील
दूसरे उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से फोन पर बात कर वहां फंसे पर्यटकों को मदद के लिए विनती की। साथ ही मंत्रालय के आपत्ति निवारण सेल में एक विशेष अधिकारी की नियुक्ति की है। महायुति में लगी रेस पर संजय राऊत ने कहा कि सीएम में कॉर्डिनेटर के तौर पर मंत्री गिरीश महाजन को कश्मीर भेजा तो डिप्टी सीएम शिंदे को वहां जाने की क्या जरूरत थी, क्या शिंदे महाराष्ट्र में प्रति सरकार चला रहे हैं?
इस पूरे घटनाक्रम में यह साफ झलकता है कि एक ओर जहां महायुति ने राहत कार्यों को लेकर तुरंत कार्रवाई की, वहीं अंदरूनी राजनीति में भी हर गुट अपनी सक्रियता और संवेदनशीलता को साबित करने की कोशिश में लगा हुआ है।
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