इंद्रजीत सिंह
Opposition To Maratha Reservation: महाराष्ट्र सरकार के मंत्री छगन भुजबल ने सोमवार को कहा कि मराठा आरक्षण की मांग के मुद्दे पर विरोध करते हुए कहा कि आरक्षण के लिए गठित समिति को रद्द कर देना चाहिए। क्योंकि उसका काम पूरा हो गया है। साथ ही 2 महीने में जितने भी प्रमाण पत्र दिए गए उसे भी रद्द कर दें। भुजबल ने कहा कि वह मराठाओं को अलग से आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन फर्जी और जाली दस्तावेज जमा करके जाति प्रमाणपत्र प्राप्त करने के तरीके के खिलाफ हैं। इसके साथ ही मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि यह आरक्षण OBC समाज में तनाव पैदा करना चाहते है।
ओबीसी नेता चाहते हैं बनना
क्या अजित पवार गुट के नेता और कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल महाराष्ट्र का सबसे बड़ा ओबीसी नेता बनना चाहते हैं सवाल इसलिए है क्योंकि मराठा आरक्षण को लेकर छगन भुजबल बयानबाजी कर रहे हैं, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री छगन भुजबल ने हिंगोली में आयोजित ओबीसी की यलगार सभा में कहा है कि मराठा समाज को कुनबी साबित करने के लिए बनाई गई शिन्दे समिति को तुरंत बर्खास्त किया जाए,और पिछले 2 महिने में जितने मराठा समाज के लोगों को पूर्ण भी प्रमाण पत्र दिया गया है यानी ओबीसी में शामिल किया गया है।
यह भी पढ़े: Explainer: आखिर राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा कैसे मिलता है, जिसकी मांग बिहार कर रहा है, जानें क्या है नियम
यह भी पढ़े: मामूली-सा विवाद हुआ और हैवान बन गए बाप-बेटे, युवक को डंडों से पीट-पीट कर मार डाला
उन्हें तुरंत निकाला जाए, अकेले मराठा समाज को पिछड़ा साबित करने के लिए सर्वे नहीं किया जा सकता जातिगत जनगणना कराई जानी चाहिए वहीं कांग्रेस ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहां है कि सरकार मराठा समाज और ओबीसी में तनाव निर्माण करना चाहती है भुजबल भूल गए हैं कि वह इस सरकार में मंत्री हैं।