महाराष्ट्र के नागपुर में हिंसा भड़काने वाले फहीम खान की गिरफ्तारी के बाद एक और साजिशकर्ता सैयद आसिम अली भी जांच एजेंसियों के रडार पर आ गया है। अली माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी का पदाधिकारी है, जो नागपुर हिंसा के बाद से ही अंडरग्राउंड है। पुलिस के शक को इस बात से भी बल मिलता है कि उसका संबंध उत्तर प्रदेश में हुई हिंदू नेता कमलेश तिवारी की हत्या से भी है। अली को 2019 में कमलेश की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और वह जेल में साढ़े 4 साल की सजा भी पूरी कर चुका है। अली ने तिवारी की जीभ काटने वाले को इनाम देने की घोषणा की थी। साल 2019 में तिवारी की हत्या कर दी गई थी और तब अली 2024 तक जेल में बंद रहा था।
यह भी पढ़ें:फेमस यूट्यूबर के नाम पर रजिस्टर्ड Lamborghini कार, इस शख्स को बेची; नोएडा हादसे में और क्या-क्या खुलासे?
अली नागपुर के झिंगाबाई टाकली का रहने वाला है और यूट्यूब चैनल चलाता था। अधिकारियों ने बताया कि घटना के दौरान उसकी मोबाइल लोकेशन हिंसा वाले इलाकों में मिली थी, लेकिन आरोपी का सुराग नहीं लग सका था। ऐसे में तमाम एजेंसियां उसकी तलाश में जुट चुकी हैं। कमलेश तिवारी की हत्या का मामला देशभर में चर्चित हुआ था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार नागपुर हिंसा पहले से सोची-समझी साजिश थी और इसके कुछ सबूत भी मिल रहे हैं। अली दंगों वाली जगहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों में भी दिखा था। आसिम अली और फहीम खान ने मिलकर युवाओं को महाराष्ट्र सुरक्षा अधिनियम के खिलाफ आंदोलन करने के लिए उकसाया था। यह कानून देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ बनाया गया है।
2024 में मिली थी जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2024 में आसिम को हत्या मामले में जमानत दे दी थी। इसके बाद आसिम नागपुर लौटा था। 2024 के लोकसभा चुनाव में उसने फहीम खान को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ चुनाव लड़वाया था। 2019 में उसने खुद भी गडकरी के खिलाफ इलेक्शन लड़ा था, तब उसे 600 वोट मिले थे। पुलिस के अनुसार लोकसभा इलेक्शन 2024 से कुछ महीने पहले गडकरी को बेलगाम जेल से जैश-ए-मोहम्मद के एक समर्थक ने धमकी भरे फोन भी किए थे।
आसिम ने इकट्ठे किए थे दंगाई
आरोपों के मुताबिक 17 मार्च को हिंसा से पहले आसिम अली को गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में देखा गया था। उसके साथ कुछ प्रदर्शनकारी भी थे। उसके मोबाइल से दंगाइयों को फोन भी किए गए थे। आसिम ने अलग-अलग इलाकों में जाकर पहले युवाओं को इकट्ठा किया, फिर सेंट्रल नागपुर में भेजा था। आरोपी आसिम नागपुर के हंसपुरी इलाके में हार्डवेयर का कारोबार करता है। इसी इलाके में सबसे अधिक हिंसा हुई थी। 100 से ज्यादा वाहनों को आग लगाई गई थी।
यह भी पढ़ें:UP के इस शहर में 1 अप्रैल से महंगा होगा पानी, 10 फीसदी तक बढ़े दाम; देखें नई रेट लिस्ट