Mumbai Metro Construction Issues : मुंबई में मेट्रो का निर्माण कार्य करने वाली फ्रांसीसी इंजीनियरिंग फर्म सिस्ट्रा ने मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) के सीनियर अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन पर अनुचित लाभ मांगने और भुगतान में देरी करने का आरोप लगाया है। सरकार को भेजी गई शिकायतों में ठेकेदारों को ऑर्डर बढ़ाने के लिए फर्म पर दबाव डालना, कर्मियों की नियुक्ति की मंजूरी रोकना और मनमाना जुर्माना लगाना शामिल है। सिस्ट्रा ने राजनयिक हस्तक्षेप की मांग की।
फ्रांसीसी दूतावास ने 12 नवंबर 2024 को लिखे गए एक पत्र में दिल्ली में महाराष्ट्र के रेजिडेंट कमिश्नर रूपिंदर सिंह से फर्म के लिए हस्तक्षेप करने को कहा, जिसने MMRDA परियोजनाओं पर काम करते समय गंभीर उत्पीड़न और चुनौतियों का हवाला दिया। इस मामले को लेकर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनके पास शिकायत नहीं आई है, लेकिन वे मुख्य सचिव सुजाता सौनिक से बात करेंगे।
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MMRDA ने आरोपों को बताया निराधार
एमएमआरडीए ने अपने जवाब में इन आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि उनके कर्मियों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए जानबूझकर ऐसा प्रयास किया जा रहा है। दूतावास के माध्यम से भेजी गई सिस्ट्रा की शिकायत में भारत में रेल और मेट्रो परियोजनाओं को क्रियान्वित करने में इसके रिकॉर्ड पर प्रकाश डाला गया और कहा गया कि अगस्त 2023 से सिस्ट्रा को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जो जनवरी 2024 में देय इसके भुगतानों के निलंबन तक बढ़ गया है।
BJP का भ्रष्टाचार
महाराष्ट्र में मुंबई मेट्रो का काम फ्रांस की कंपनी SYSTRA को मिला है।
लेकिन..
अब कंपनी ने मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) के वरिष्ठ अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
सरकार को भेजी गई शिकायतों में SYSTRA ने कहा 👇
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— Congress (@INCIndia) February 25, 2025
कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना
इसे लेकर कांग्रेस ने एक्स पर पोस्ट कर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी का भ्रष्टाचार। महाराष्ट्र में मुंबई मेट्रो का काम फ्रांस की कंपनी सिस्ट्रा (SYSTRA) को मिला है, लेकिन अब कंपनी ने मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) के वरिष्ठ अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। सरकार को भेजी गई शिकायतों में सिस्ट्रा ने कहा कि एमएमआरडीए के अधिकारियों ने पेंडिंग बिल क्लियर करने के नाम पर घूस मांगी। ठेकेदारों के ऑर्डर और बिल बढ़ाने के लिए कई बार कंपनी पर दबाव डाला गया।
बीजेपी का फंडा- करप्शन करो, तिजोरी भरो : कांग्रेस
कांग्रेस ने आगे कहा कि कंपनी को प्रमुख कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए मंजूरी नहीं दी गई और मनमाना जुर्माना लगाया गया। एक तरफ नरेंद्र मोदी ‘न खाऊंगा- न खाने दूंगा’ की खोखली रट लगाए फिरते हैं। दूसरी तरफ उनकी नाक के नीचे बीजेपी भ्रष्टाचार के दलदल में धंसती जा रही है। बीजेपी का फंडा साफ है- करप्शन करो, तिजोरी भरो।
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