Mega Fraud of 16,180 Crore, ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे में पुलिस ने महाठगी के दो साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि इन महाठगों ने मनी ट्रांसफर कंपनी के पेमेंट गेटवे को हैक करके छोटी-मोटी नहीं, बल्कि 16 हजार करोड़ से ज्यादा का फ्रॉड किया है। इतना ही नहीं, इतनी बड़ी रकम को ठिकाने लगाने के लिए फर्जी डॉक्युमेंट्स के आधार पर पांच फर्म भी रजिस्टर कर ली। हालांकि इस मामले में पुलिस ने 3 अन्य को भी नामजद किया है, लेकिन पुलिस सूत्रों की मानें तो अभी इस महाठगी में कई और चेहरे भी सामने आ सकते हैं। बहरहाल, मामले की जांच का क्रम जारी है।
अप्रैल 2013 में ठाणे पुलिस को दी थी मनी ट्रांसफर कंपनी ने शिकायत
दरअसल, इसी साल अप्रैल में ठाणे पुलिस में एक मनी ट्रांसफर कंपनी की तरफ से कंपनी के पेमेंट गेटवे को हैक करके 25 करोड़ की धोखाधड़ी किए जाने संबंधी शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले की जांच के दौरान मामला शिकायत से कई सौ गुणा की धोखाधड़ी का निकला। पुलिस सूत्रों की मानें तो साइबर सेल की टीम को कंपनी की बैंक स्टेटमेंट की जांच के बाद सामने आए ढाई सौ से ज्यादा बैंक खातों की डिटेल चेक करने पर 16 हजार 180 करोड़ 42 लाख 92 हजार 4 सौ 79 रुपए का लेन-देन संदिग्ध मिला।
हालांकि शुरुआत में रियाल इंटरप्राइजेज के नाम पर 1 करोड़ 39 लाख 19 हजार 264 रुपए एचडीएफसी बैंक में जमा कराए जाने की बात सामने आई थी। इसके बाद जब रियाल एंटरप्राइजेज की जांच की गई तो वाशी, बेलापुर और नवीं मुंबई में कंपनी के ऑफिस मिले। उन ऑफिसेज की जांच-पड़ताल में पुलिस को नौपाड़ा थाने के अधिकारक्षेत्र में बाल गणेश टावर स्टेशन रोड पर कुछ लोगों के नाम पर पांच फर्जी फर्म बनाए जाने की जानकारी मिली। इसके बाद इस कंपनी के 260 बैंक खातों की बात सामने आई।
इनमें संदिग्ध पाई गई 16 हजार करोड़ से ज्यादा रुपए में से कुछ पैसा विदेश भी भेजे जाने का खुलासा हुआ तो 6 अक्टूबर को नौपाड़ा पुलिस ने संजय सिंह, अमोल अंडाले, समीर दिघे, जितेंद्र पांडेय और एक अज्ञात के खिलाफ जालसाजी का आपराधिक मामला दर्ज किया। इस मामले में गुरुवार को पुलिस ने भायंदर के 26 वर्षीय अनूप दुबे और मुंबई के 42 वर्षीय संजय नामदेव गायकवाड़ (पांच में से एक फर्म में पार्टनर) को गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों की मानें तो फर्जीवाड़े में नामजदू जितेंद्र पांडेय करीब 10 साल बैंकों में पीआर और सेल्स मैनेजर के पद पर काम कर चुका है।