मुंबई: महाराष्ट्र में मराठाओं को आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन छेड़ने वाले मनोज जरांगे पाटिल की सोमवार रात अचानक तबीयत बिगड़ गई। नौबत अस्पताल में भर्ती कराए जाने तक आ गई। उन्हें बीड़ जिले के अम्बा जोगई के थोराट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल इस बारे में डॉक्टर्स का कहना है कि उनका शुगर, बीपी काफी लो है। हालांकि अभी कुछ टेस्ट्स की रिपोर्ट आनी बाकी है।
2011 में मनोज ने शुरू किया था आंदोलन
गौरतलब है कि मूल रूप से बीड़ जिले के जालना निवासी मनोज जरांगे पाटिल को मराठवाड़ा मराठा आरक्षण आंदोलन का अहम चेहरा माना जाता है। आज से लगभग दो दशक पहले उनके पिता सूखे की मार से परेशान होकर जालना से पलायन करके अंकुश नगर में आकर बस गए थे। अब बरसों से मनोज मराठा जाति को आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन को लीड कर रहे हैं। 2011 में इस आंदोलन की शुरुआत उन्होंने खुद की थी और अब 30 हजार से ज्यादा बार आंदोलन कर चुके हैं। इनमें पिछले महीनों का अनशन भी जिक्र के योग्य है। विवाद बढ़ता देख महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खुद आंदोलनकारी नेता से मिलने पहुंचे और समुदाय को कुनबी जाति में शामिल करने का आश्वासन दिया था।
अम्बा जोगई की सभा में पहुंचते ही आने लगे चक्कर
सोमवार को मनोज जरांगे पाटिल अपने जिले में पड़ते अम्बा जोगई में एक सभा में शामिल होने पहुंचे थे। मिली जानकारी के अनुसार उन्हें अचानक चक्कर आ गया। आनन-फानन में मौके पर मौजूद लोग मनोज को लेकर थोराट अस्पताल में लेकर पहुंचे। उन्हें थोराट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसकी पुष्टि करते हुए डॉक्टर ने बताया है कि मनोज जरांगे पाटिल ने सभा शुरू ही थी कि उन्हें चक्कर आने और बुखार की शिकायत की गई। अस्पताल लाकर जांच करने पर पता चला कि उनका शुगर, बीपी काफी लो है। कुछ जांच की गई हैं, जिनकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
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