महाराष्ट्र की देवेंद्र फडनवीस की सरकार में मत्स्य पालन और बंदरगाह मंत्री नितेश राणे अक्सर अपने बयान को लेकर विवादों में घिरे रहते हैं। एक बार फिर उन्होंने विवादित बयान दिया है। दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य कर दिया है। इसे लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में कुछ दल विरोध मार्च निकाल रहे हैं।
मोहम्मद अली रोड या बेहरामपराड़ा से करें विरोध
इस लेकर रविवार को कुछ मीडियाकर्मियों ने मंत्री नितेश राणे से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘जावेद अख्तर, आमिर खान और राहुल को हिंदी थोपने से कोई परेशानी क्यों नहीं है? अगर सब ठीक है तो उन्हें मराठी में बोलने के लिए कहिए। इन सभी को मोहम्मद अली रोड या बेहरामपराड़ा से अपना विरोध करने के लिए कहिए।’
‘अजान’ मराठी में पढ़वाएं
उन्होंने आगे कहा कि अगर इन लोगों को मराठी से प्यार है तो कल मस्जिद से से होने वाली अजान को मराठी में पढ़वाएं। इसके बाद हम मानेंगे कि उन्हें मराठी भाषा से प्यार है। असल में बात यह है कि विपक्ष को कोई मुद्दा नहीं मिल रहा है।
Pune, Maharashtra | On Shiv Sena (UBT) chief Uddhav Thackeray to take out a protest march against the Maharashtra government mandating Hindi as the default third language in schools, Maharashtra Minister Nitesh Rane says, “Why isn’t Hindi imposition any concern for Javed Akhtar,… pic.twitter.com/S49Vrmcsh7
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) June 29, 2025
भाषा के मुद्दे पर हिंदुओं को बांटने की कोशिश
मंत्री नितेश राणे ने कहा कि महाराष्ट्र में हिंदी अनिवार्य नहीं है। हम इसका पहले से विरोध करते रहे हैं। इसे हम छाती पर लिखकर नहीं घूम सकते हैं। महाराष्ट्र सरकार ने स्कूलों में हिंदी को पढ़ाने के लिए तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किया है। इसे विपक्ष बेवजह तूल दे रहा है। ये केवल भाषा के मुद्दे पर हिंदुओं को बांटना चाहते हैं।