लाडली बहन योजना के नाम पर महाराष्ट्र में पुरुषों ने इस योजना में लाभ लेने का गंभीर मामला सामने आया है। करीब 14 हजार 298 पुरुषों ने इस योजना का लाभ लिया और पिछले 10 महीनों में इन लाड़ले पुरुषों को 21.44 करोड़ रुपये बांटे गए। योजना के लाभार्थियों की जांच में यह खुलासा हुआ है। अब सवाल यह है कि इस योजना में पुरुष कैसे घुसे, कौन अंदर लेकर आए, इनकी छानबीन किसने की? इस योजना को लेकर एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। इस योजना में और 2 लाख 36 हजार 014 ऐसे लाभार्थी हैं जिनके नाम को लेकर शक है। पुरुष होकर महिलाओं के नाम का इस्तेमाल कर इस योजना का लाभ लिया गया है।
वरिष्ठ महिलाओं ने भी लिया योजना का फायदा
राज्य सरकार ने नियम बनाया था कि 65 साल के ऊपर की महिलाओं को इस योजना का फायदा नहीं मिलेगा, क्योंकि सरकार उन्हें अन्य योजनाओं के तहत मदद करती है। ऐसा होने के बावजूद 65 साल उम्र के ऊपर की 2 लाख 87 हज़ार 803 महिलाओं ने इस योजना का लाभ उठाया। पिछले 10 महीनों में इन सभी महिलाओं के खाते में 431 करोड़ 70 लाख रुपये जमा हुए।
8 लाख से भी ज्यादा परिवार को मिला लाभ
एक नियम इस योजना में यह भी था कि एक ही परिवार की 2 से ज़्यादा महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। फिर भी एक ही परिवार की 2 से ज्यादा महिलाओं ने इस योजना का लाभ लिया। ऐसे 7 लाख 97 हजार 751 मामले सामने आए हैं। इन सभी महिलाओं को इस योजना से निकालने का फैसला अब तक नहीं लिया गया, लेकिन उनके खाते में भी 1196 करोड़ 62 लाख रुपये जमा हो चुके हैं।
महायुति सरकार इस योजना पर सालाना 42 हज़ार करोड़ रुपये खर्च करती आ रही है। इससे राज्य के कई विकास कार्यों को बड़े पैमाने पर खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, राज्य सरकार ने लाडली बहन की किश्त के लिए आदिवासी विभाग और सामाजिक न्याय विभाग का करोड़ों का फंड महिला एवं बाल कल्याण विभाग को दिया है।
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