Hairfall Reasons: महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के 18 गांव के लोग गंजेपन का शिकार हुए, यह खबर देश में चर्चा का विषय रही है। प्रशासन ने पहले पीने के पानी पर शक जताया था, लेकिन गंजेपन की असली वजह कुछ और ही है और इसकी जड़ पंजाब और हरियाणा के शिवालिक पर्वतीय क्षेत्र के नीचे की जमीन से जुड़ी हुई है। यह निष्कर्ष सीनियर रिसर्चर और प्रैक्टिशनर डॉ. हिम्मतराव बावस्कर ने निकाला है, जिसके लिए उन्होंने खुद के खर्चे से अंत तक रिसर्च भी की और इसके उपाय भी ढूंढे।
गेहूं है इस बीमारी की वजह
दरअसल, जिन गांवों में गंजापन फैला है, वहां के लोग राशन दुकान पर निर्भर हैं और उस राशन दुकान पर मिलने वाला गेहूं इस बीमारी की वजह निकला। डॉ. बावस्कर ने बोंदगांव के सरपंच रामेश्वर धारकर से वहां राशन में आ रहे गेहूं के बोरे के फोटो और सैंपल मंगवाए। इस जांच में पता चला कि गेहूं शिवालिक पर्वतीय क्षेत्र के नीचे की जमीन से निकला हुआ है और शिवालिक पर्वतीय क्षेत्र से बारिश के दिनों में बड़े झरने निकलते हैं। वहां के पत्थरों में सेलेनियम की मात्रा ज्यादा होती है और झरनों के पानी के साथ सेलेनियम भी उपजाऊ जमीन में मिल जाता है।
आईसीएमआर से नहीं किया खुलासा
दूसरे अन्य फसलों के मुकाबले गेहूं की फसल में सेलेनियम अवशोषित करने की क्षमता ज्यादा होती है। वहां पैदावार हुए गेहूं बुलढाणा के राशन दुकानों में पहुंचे, यह गेहूं के बोरे से पता चला। इसी गेहूं से बनी रोटी का इस्तेमाल अपने खाने में 18 गांव के लोगों ने किया, जिस कारण उन्हें गंजेपन का सामना करना पड़ा।
डॉ. हिम्मतराव बावस्कर ने बताया कि जो बुलढाणा में हुआ, वो महाराष्ट्र में कहीं भी हो सकता है। इसलिए सरकार ने पंजाब और हरियाणा से आने वाले गेहूं में सेलेनियम की मात्रा कितनी है, उसकी जांच करनी जरूरी है। इस पूरे मामले में आईसीएमआर से रिपोर्ट आने वाली है। फिलहाल, आईसीएमआर ने कोई खुलासा नहीं किया है।
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