Maharashtra Politics News : महाराष्ट्र में एक बार फिर राजनीतिक मतभेद नजर आ रहा है। इसे लेकर शिवसेना (UBT) के संजय राउत ने सामना में बड़ा दावा किया है कि सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम शिंदे के बीच अनबन है। बीजेपी शिंदे और उनके लोगों के फोन टेप करवा रही है। संजय राउत की तरफ से लिखे इस संपादकीय में कहा गया है कि एक विधायक ने उनको बताया कि शिंदे टूट गए हैं, वे शून्य में चले गए हैं।
राज्यसभा सांसद संजय राउत ने दावा किया कि शिंदे को विश्वास है कि उनके और उनकी पार्टी के लोगों के फोन टेप किए जा रहे हैं। उन्हें संदेह है कि दिल्ली में एजेंसियां उनकी गतिविधियों पर नजर रख रही हैं और शिंदे को बहुत परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि शिंदे की पार्टी के एक विधायक ने उन्हें विमान यात्रा के दौरान बातचीत में यह जानकारी दी।
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फडणवीस और शिंदे के बीच अनबन : संजय राउत
संजय राउत ने सामना के जरिए कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा और उसके सहयोगियों को प्रचंड बहुमत मिलने के बावजूद राज्य आगे बढ़ता नजर नहीं आ रहा है, जिसकी वजह फडणवीस और शिंदे के बीच अनबन है। शिंदे अभी भी दोबारा सीएम न बनाए जाने के सदमे से जूझ रहे हैं और एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, फडणवीस इस बात से वाकिफ हैं।
शिंदे के इलाकों में जनता दरबार लगा रहे बीजेपी कोटे के मंत्री
उन्होंने आगे कहा कि आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जो साबित करती है कि अपने ‘लाडले’ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और भाजपा पुरस्कृत उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच फिलहाल कोई खास रिश्ता नहीं रहा है। भाजपा कोटे के मंत्री गणेश नाइक ने शिंदे के ठाणे जिले में नियमित जनता दरबार लगाने की घोषणा करके ‘कहर’ बरपा दिया है और इस तरह एक नए विवाद की चिंगारी पड़ी है। इस पर शिंदे के लोगों ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर ऐसा है तो वे भी पालघर जिले में जाएंगे, जहां नाइक पालक मंत्री हैं और दरबार लगाएंगे।
संजय राउत ने कहा कि शिंदे गुट के एक विधायक से हवाई यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात हुई। शिंदे खुद को अपमानित करने के दर्द से बाहर आने को तैयार नहीं हैं। मुख्यमंत्री के ढाई साल के कार्यकाल के दौरान शिंदे और फडणवीस के मुंह विपरीत दिशा में थे। अब फडणवीस सारी कसर निकाल रहे हैं, क्योंकि शिंदे के हाथ में कुछ भी नहीं बचा है।
संजय राउत और शिंदे गुट के विधायक के बीच बातचीत कुछ इस तरह हुई :
संजय राउत – क्या शिंदे अब भी इसी दुख में हैं कि उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री पद नहीं मिला?
शिंदे गुट के विधायक – वे इससे भी आगे समाधि की अवस्था में पहुंच गए हैं। शून्य में चले गए।
संजय राउत – क्या शिंदे को सदमा पहुंचा है?
विधायक – वे मन से टूट गए हैं।
संजय राउत – क्यों? क्या हुआ?
विधायक – अमित शाह ने शिंदे को ऐसा आश्वासन दिया था कि हम आपके नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे और 2024 के बाद भी आप फिर से मुख्यमंत्री होंगे, चिंता मत करो। चुनाव में दिल खोलकर खर्च करें। शिंदे ने चुनाव में बहुत पैसा खर्च किया, लेकिन शाह ने अपना वादा नहीं निभाया और उन्हें लगता है कि उनके साथ धोखा हुआ है।
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दबाव में एकनाथ शिंदे
शिंदे और उनके लोग आज महाराष्ट्र के राजनीतिक मामलों में कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। मुख्यमंत्री के तौर पर शिंदे का तेज खत्म हो गया है और शिंदे खुद इस बात से दुखी हैं कि मुख्यमंत्री फडणवीस उन्हें नहीं पूछ रहे हैं। यह सच्चाई है कि मंत्रिमंडल की बैठक में भी उपमुख्यमंत्री शिंदे हाजिर नहीं होते। एकनाथ शिंदे का मानसिक स्वास्थ्य इस हद तक खराब हो गया है कि वह अब विधायकों से चिढ़ जाते हैं, उनके एक प्रिय विधायक ने यह खुलासा किया। शिंदे सरकारी बैठकों में देरी से पहुंचते हैं।