Maharashtra Politics News : लोकसभा चुनाव के बाद अब महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर उथलपुथल के संकेत मिल रहे हैं। राज्य में महायुति के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। केंद्र में मोदी सरकार बनने से लेकर सुनेत्रा पवार के राज्यसभा नामांकन के दौरान भाजपा और शिंदे की शिवसेना के नेता अजित पवार से दूरी बनाए हुए हैं। संघ से जुड़ी पत्रिका में उठाए गए सवाल पर अजित पवार ने कहा कि इस वक्त उनका फोकस महाराष्ट्र के विकास और विधानसभा चुनाव पर है।
संघ की साप्ताहिक पत्रिका ‘ऑर्गनाइजर’ में बीजेपी के एनसीपी के साथ गठबंधन की अलोचना की गई और राज्य में एनडीए के खराब प्रदर्शन का इसे ही जिम्मेदार ठहराया गया। इसे लेकर डिप्टी सीएम और एनसीपी अध्यक्ष अजित पवार ने कहा कि वह इस मुद्दे पर बात नहीं करना चाहते हैं। लोकसभा चुनाव के बाद कई नेता अपनी राय और विचार व्यक्त कर रहे हैं। लोकतंत्र में अपनी राय व्यक्त करना उनका अधिकार है, लेकिन वे उनपर कोई भी कमेंट नहीं करना चाहते हैं।
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विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना है : डिप्टी सीएम
अजित पवार ने आगे कहा कि उनका ध्यान विकास कार्यों पर केंद्रित है। साथ ही यह भी प्रयास है कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में महायुति कैसे नई ऊर्जा के साथ जुटेगी। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में महायुति में दरार के कयास लगाए जा रहे हैं।
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चुनाव में महाराष्ट्र में महायुति को लगा झटका
आपको बता दें कि इस बार महाराष्ट्र में महायुति के तहत भाजपा, शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी ने मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन गठबंधन को ज्यादा सीटें नहीं मिलीं। जहां भाजपा 9 सीटों पर सिमट गई तो वहीं सहयोगी दल अजित पवार गुट को 1 सीट और शिंदे गुट को 7 सीटें मिलीं। राज्य में महा विकास अघाड़ी ने 30 सीटों पर जीत हासिल की।