Fadnavis And Shinde Cold War: महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच चल रहे शीत युद्ध में नए-नए दांव चले जा रहे हैं। फिलहाल सीएम की कुर्सी पर देवेंद्र फडणवीस काबिज हैं। कई बार एकनाथ शिंदे को चुभने वाले फैसले भी प्रदेश सरकार से लेकर स्थानीय निकाय तक में लिए जा रहे हैं। अब एकनाथ शिंदे का प्रोजेक्ट कहे जाने वाले 1400 करोड़ रुपए के टेंडर को बीएमसी ने खारिज कर दिया है, जिसके तहत सूखे कचरे का मैनेजमेंट किया जाना था।
इस योजना के तहत चार साल के लिए टेंडर जारी हुआ था। इस योजना के जरिए घर-घर से कचरा कलेक्शन करना और स्लम एरिया में रास्तों की सफाई, नालों की सफाई और टॉयलेट का मेंटेनेंस करना शामिल था। इस योजना के तहत बीते साल फरवरी में टेंडर जारी हुए थे। इसके बाद बीएमसी ने सफाई व्यवस्था शुरू की थी। हर वीकेंड पर स्लम बस्तियों में सफाई अभियान चलाए जा रहे थे और झुग्गी बस्तियों में नियमित सफाई के लिए एजेंसी भी हायर करने की योजना थी।
योजना को लेकर विवाद
इस योजना को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब बेरोजगार संस्था फेडरेशन ने इस पर आपत्ति जताई। इनका कहना था कि स्थानीय स्तर पर सामुदायिक संस्थाओं को इसमें शामिल क्यों नहीं किया जा रहा है। यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया था। यही नहीं, एमएलसी प्रवीण दारेकर ने मानसून सत्र में सदन में इस पर सवाल उठाया था।
जब यह मामला बढ़ा तो अब बीएमसी ने टेंडर ही कैंसिल कर दिया है। इस तरह यह योजना ही रद्द हो गई है। पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे के लिए प्रोजेक्ट को रद्द किया जाना एक झटका है। इसका कारण यह है कि स्कीम के जरिए वह स्लम क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाना चाहते थे।
अब उनके पास जनता तक पहुंचने वाली कोई बड़ी योजना नहीं है। बीएमसी का चुनाव एकनाथ शिंदे बीजेपी से अलग होकर अपने दम पर लड़ने की योजना बना रहे हैं। ऐसे में बीएमसी का टेंडर ही रद्द कर देना उनके लिए झटका है। बता दें, बीएमसी चुनाव में अब तक किसी भी गठबंधन में एक साथ लड़ने पर सहमति नहीं बनी है। महायुति से लेकर महाविकास अघाड़ी तक के सभी दल अलग-अलग ही चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं।
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