राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की हत्या पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ रिलीज होने को तैयार है। 11 जुलाई को मूवी रिलीज होने जा रही है। इसे फिल्म कई मुस्लिम संगठनों ने सवाल खड़े किए हैं। मुस्लिम संगठनों ने मूवी थियेटर मालिकों को पत्र लिखकर मूवी नहीं रिलीज करने को कहा है। आरोप है कि इस मूवी में मुस्लिमों को लेकर गलत संदेश दिया गया है।
मुसलमानों को किया जा रहा टारगेट
महाराष्ट्र में हजरत ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर संगठन ने राज्य भर में फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर कड़ी पाबंदी की मांग की है। इतना ही नहीं 20 से जायदा राज्यभार के थिएटर को पत्र लिख धमकी दी है कि अगर फिल्म दिखाई गई तो उनकी तरफ से कड़ा कदम उठाया जाएगा। इनका आरोप है कि इस फिल्म में इस्लामी संस्था दारुल उलूम देवबंद, जमीयत उलेमा ए हिंद और खासतौर से मुसलमानों को गलत तरीके से टारगेट किया गया है, जो बेहद निंदनीय है।
सुप्रीम कोर्ट से की बैन की मांग
देवबंद उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने भी मूवी ‘उदयपुर फाइल्स’ की कड़ी निंदा की है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है। मुफ्ती ने मुसलमानों से इस फिल्म का बाहिष्कार किए जाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मुसलमान शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध दर्ज कराए। वहीं जमीयत उलेमा ए हिंद ने इस फिल्म को लेकर दिल्ली सहित महाराष्ट्र और गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया है। इसे लेकर जमीयत के सदर अरशद मदनी ने भी एक्स पर पोस्ट कर अपना विरोध दर्ज कराया है।
“उदयपुर फाइल्स” फिल्म की रिलीज़ रोकने के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दिल्ली सहित महाराष्ट्र और गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया है। फिल्म के ट्रेलर में नुपुर शर्मा का विवादित बयान भी शामिल है, जिससे न केवल देशभर में सांप्रदायिक माहौल खराब हुआ, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि भी…
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फिल्म निर्माता को मिल रही धमकी
फिल्म के निर्माता अमित जानी का कहना है कि उन्होंने फिल्म को लेकर मिल रही है धमकी पर कड़ी कार्रवाई करने की रिक्वेस्ट की है । उनका कहना है कि इनकी तरफ से संगठन थिएटर को धमकी दे रहे है जिससे उनको नुकसान होगा। फिल्म को सेंसर बोर्ड ने मान्यता दी है तो यह लोग ऐसे धमकी नहीं दे सकते।