Pratap Sarnaik statement on Marathi: मराठी भाषा विवाद को लेकर महाराष्ट्र में सियासत गरमाई हुई है। मराठी भाषा की अनिवार्यता मामले को सरकार द्वारा रद्द करने के बाद ठाकरे बद्रर्स ने वर्ली डोम में बड़ी रैली का आयोजन किया था। वहां से मिले रेस्पॉन्स के बाद अब सरकार में शामिल महायुति की अहम पार्टी शिवसेना ने भी मोर्चा खोल दिया है। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के सहयोगी और सरकार में मंत्री प्रताप सरनाईक ने इसको लेकर बड़ा बयान दिया है।
फडणवीस सरकार में मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि पुलिस को एक पार्टी की तरह काम नहीं करना चाहिए। यहां पर उनका पार्टी का मतलब बीजेपी से था। दरअसल मंत्री मराठी स्वाभिमान मोर्चा की आज मीरा रोड़ में होने जा रही रैली को इजाजत नहीं मिलने से नाराज थे। इसके बाद उन्होंने कहा कि अगर व्यापारियों को रैली निकालने की इजाजत दी गई तो मराठी लोगों के मोर्चे को रैली क्यों नहीं निकालने दी जा रही है। मैं मंत्री बाद में हूं, पहले मराठी हूं। मैंने पुलिस कमिश्नर से बात करके नाराजगी जाहिर की है। आज मैं इस मुद्दे पर सीएम से भी बात करूंगा।
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पुलिस ने मनसे अध्यक्ष को हिरासत में लिया
इससे पहले आज सुबह पुलिस ने मनसे ठाणे-पालघर जिलाध्यक्ष अविनाश जाधव समेत कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। मनसे आज व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन के जवाब में ठाणे के भायंदर में रैली करने जा रहे थे। इस रैली की इजाजत पुलिस को नहीं दी थी। बता दें कि भायंदर में ही 1 जुलाई को प्रवासी दुकानदार के साथ मराठी में बात नहीं करने पर मारपीट की गई थी।
बीजेपी सांसद बोले- पटक-पटक कर मारेंगे
वहीं अब इस विवाद में बीजेपी की भी एंट्री हो गई है। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि आप अपने घर में बहुत बड़े बॉस हो तो चलो बिहार, चलो यूपी तुमको पटक-पटक कर मारेंगे। उन्होंने कहा कि अगर आपमें हिम्मत है तो जैसे हिंदी भाषी को मारते हो वैसे ही उर्दू, तमिल, तेलुगु को भी मारो। आप घटिया हरकत कर रहे हो।
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