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मुंबई

निशिकांत दुबे ने ठाकरे बंधुओं को किया चैलेंज, कहा- मुकेश अंबानी भी मराठी कम बोलते हैं, हिम्मत है तो…

Hindi-Marathi language row: महाराष्ट्र में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर अभी सियासत गरमाई हुई है। उन्होंने ठाकरे बंधुओं को चुनौती देते हुए कहा कि हिम्मत है तो मुकेश अंबानी के पास जाएं, जो मराठी कम बोलते हैं।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Jul 10, 2025 15:45
Hindi-Marathi language row, BJP MP Nishikant Dubey।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ठाकरे बंधुओं पर साधा निशाना।

महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी विवाद को लेकर ‘पटक-पटककर मारेंगे’ वाले बयान को लेकर विवादों में आए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है कि वह अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने एक बार फिर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे को चैलेंज देते हुए कहा कि राजनीति के लिए गरीबों को क्यों पीटते हैं। मुंबई में मराठी नहीं बोलने वाले मुकेश अंबानी और एसबीआई के चेयरमैन रहते हैं, उन्हें कुछ कहने की हिम्मत है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि माहिम में मराठी बोलने वाले मुसलमानों के पास वे क्यों नहीं जाते हैं?

क्या कहा निशिकांत दुबे ने?

गुरुवार को सिक्किम पहुंचे निशिकांत दुबे ने कहा कि आजादी के आंदोलन में महाराष्ट्र का बहुत बड़ा योगदान है। जैसे मराठी भाषा का सम्मान है, वैसे ही तमिल, तेलगू, कन्नड़ का सम्मान है। जिस तरह उनकी रीजनल लैंग्वेज है और उन्हें अपनी भाषा से प्यार है, उसी तरह बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखंड, यूपी के लोगों की भाषा हिंदी है। यदि भाषा के आधार पर ठाकरे परिवार मारपीट करता है तो यह बर्दाश्त के बाहर है।

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‘आप गरीबों को पीटते हैं। लेकिन मुकेश अंबानी…’

भाषा विवाद के बीच भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, ‘आप गरीबों को पीटते हैं। लेकिन मुकेश अंबानी वहीं रहते हैं, वह मराठी बहुत कम बोलते हैं। अगर हिम्मत है, तो उनके पास जाइए। माहिम में मुस्लिम आबादी ज़्यादा है, अगर हिम्मत है, तो वहां जाइए। एसबीआई चेयरमैन मराठी नहीं बोलते, उन्हें पीटने की कोशिश कीजिए।’

महाराष्ट्र के टैक्स के पैसे में सभी का योगदान

हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर अपने पहले के बयान पर उन्होंने कहा, ‘कुछ ऐसा है जो मैंने कहा था और जिसे नष्ट कर दिया गया है- महाराष्ट्र का इस देश की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान है। मैंने जो कहा, उसे लोगों ने गलत समझा। लेकिन मैं यह कह रहा हूं कि मुंबई या महाराष्ट्र द्वारा दिए गए टैक्स में हमारा भी योगदान है। इसका ठाकरे परिवार या मराठा से कोई लेना-देना नहीं है। एसबीआई और एलआईसी, जो टैक्स देते हैं, उनका मुख्यालय मुंबई में है। मैं सिक्किम में खड़ा हूं, यहां के लोग भी अपना पैसा एसबीआई में जमा करते हैं। उनका पैसा भी वहां है। लेकिन उसका टैक्स महाराष्ट्र के खाते में जाता है…आप गरीबों को पीटते हैं। लेकिन मुकेश अंबानी वहीं रहते हैं, वह मराठी बहुत कम बोलते हैं। अगर हिम्मत है, तो उनके पास जाइए। माहिम में मुस्लिम आबादी ज्यादा है, अगर हिम्मत है तो वहां जाओ। एसबीआई चेयरमैन मराठी नहीं बोलता, उसे पीट कर देखो।’

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First published on: Jul 10, 2025 03:44 PM

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