---विज्ञापन---

मुंबई

महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद फिर गहराया, सीएम बोम्मई के बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में उबाल, जानें पूरा मामला

इंद्रजीत सिंह, मुंबई: महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। दोनों राज्यों के नेताओं की तरफ से बयानबाजी शुरू है। विवाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के बयान से शुरू हुआ। जिसमें उन्होंने पहले सांगली जिले के चालीस गांवो पर अपना दावा किया है। इसके बाद महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने […]

Author Edited By : Nirmal Pareek Updated: Nov 25, 2022 21:07
Maharashtra-Karnataka border dispute
Maharashtra-Karnataka border dispute

इंद्रजीत सिंह, मुंबई: महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। दोनों राज्यों के नेताओं की तरफ से बयानबाजी शुरू है। विवाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के बयान से शुरू हुआ। जिसमें उन्होंने पहले सांगली जिले के चालीस गांवो पर अपना दावा किया है। इसके बाद महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि प्रदेश का एक गांव भी कर्नाटक में नहीं जायेगा।

बता दें अब इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहा है। विपक्ष इसको लेकर हमलावर है महाराष्ट्र में कई जगहों पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना और एनसीपी ने कर्नाटक के खिलाफ प्रोटेस्ट किया है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने कर्नाटक राज्य परिवहन की बसों पर जय महाराष्ट्र का बोर्ड लगाकर प्रदर्शन किया जो एनसीपी ने भी सोलापुर में कर्नाटक के खिलाफ प्रोटेस्ट किया।

---विज्ञापन---

उद्धव ठाकरे ने बोला सत्ता पक्ष पर हमला

उद्धव ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर बड़ा हमला बोला है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद पर की गई टिप्पणी की निंदा की और कहा कि ऐसा लगता है, जैसे कर्नाटक के सीएम बोम्मई पर महाराष्ट्र के 40 गांवों पर अचानक दावा करने के लिए भूत सवार हो गया है। आगे उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दिल्ली के सामने नतमस्तक हैं उनको महाराष्ट्र की नहीं कुर्सी की चिन्ता है।

वहीं उन्होंने देवेंद्र फडणवीस को घेरते हुए कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलने का साहस नहीं है और देवेंद्र फडणवीस लीपापोती कर रहे हैं, ठाकरे ने शिंदे पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘क्या हमने अपना साहस खो दिया है?, क्योंकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री आसानी से महाराष्ट्र के गांवों पर दावा कर रहे हैं।

---विज्ञापन---

एनसीपी ने भी कड़ी निंदा

एनसीपी के नेता अजित पवार ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री द्वारा सांगली के बाद अक्कलकोट और सोलापुर पर भी दावा करने को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री के बयान की कड़ी निंदा की है और कहा है कि अब सिर्फ मुंबई मांगना बाकि रह गया है। इस मामले में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को कड़ा जवाब देना चाहिए और केंद्र सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।

क्या है महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा विवाद?

दरअसल महाराष्ट्र और कर्नाटक का सीमा विवाद 6 दशक पुराना है। साल 1956 में भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन हुआ। तभी से महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच में बेलगाम ज़िले को लेकर सबसे बड़ा अंतर-राज्यीय सीमा विवाद बना हुआ है। इसके अलावा खानापुर, निप्पानी, नंदगाड और कारवार के कुछ क्षेत्र को लेकर भी दोनों राज्यों में विवाद है।

बता दें इन क्षेत्रों में एक बड़ी आबादी मराठी और कन्नड़ भाषा बोलती है और लंबे समय से यह क्षेत्र विवाद का केंद्र रहा है। यह क्षेत्र 1956 में जब राज्यों का पुनर्गठन किया गया तब कर्नाटक के अधीन आ गए, जो पहले बॉम्बे के अधीन थे, जिसे अब महाराष्ट्र कहा जाता है। जब मामला बढ़ा तो केंद्र सरकार ने इसे सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मेहर चंद महाजन के नेतृत्व में एक आयोग का गठन किया।

दोनों राज्यों में विवाद इस वजह से बढ़ा

इसके बाद दोनों राज्यों के बीच विवाद उस समय तेज हुआ जब आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बेलगाम को महाराष्ट्र राज्य में मिलाने की अनुशंसा नहीं की जा सकती है और बेलगाम पर कर्नाटक के दावे को हरी झंडी दे दी। हालांकि, महाराष्ट्र ने इसे भेदभावपूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया था। आयोग ने निप्पानी, खानापुर और नांदगाड सहित 262 गांव महाराष्ट्र को और 247 गांव कर्नाटक को दिया।

हालांकि, महाराष्ट्र बेलगावी सहित 814 गांवों की मांग कर रहा था। यह मामला 2006 में एक बार फिर तब उठा जब महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गई और बेलगाम पर अपना दावा ठोका। सरकार ने यह दावा किया है कि कर्नाटक के बेलगाम में रह रहे माराठी भाषी लोगों में असुरक्षा की भावना है, इसलिए इसे महाराष्ट्र में शामिल किया जाना चाहिए। मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में है ।

First published on: Nov 25, 2022 07:07 PM

संबंधित खबरें