मुंबईः महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) जल्द ही राज्यपाल पद से इस्तीफा दे सकते है! जानकारी के अनुसार कोश्यारी कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा देकर अपने गृह राज्य वापस लौटना चाहते हैं। पिछले दिनों एक कार्यक्रम में कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक भूचाल आया हो।
कोश्यारी के बयान के बाद एकजुट हुआ विपक्ष
कोश्यारी के बयान के बाद एनसीपी, कांग्रेस और उद्धव की शिवसेना राज्यपाल के खिलाफ लामबंद हो गई थीं। खुद उद्भव ठाकरे ने कहा था कि राज्यपाल कोश्यारी को नहीं हटाया गया तो विपक्ष महाराष्ट्र बंद करेगा। बता दें कि सूबे में यह पहली बार हो रहा है जब विपक्ष किसी राज्यपाल को हटाने के लिए महाराष्ट्र बंद जैसा कड़ा कदम उठाने जा रहा है। विपक्ष के सुर से सुर मिलाते हुए मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे भी राज्यपाल पर बरस पड़े।
शिवाजी के वंशजों ने किया विरोध
विपक्ष ही नहीं छत्रपति शिवाजी महाराज के दोनों वंशज भी उनके खिलाफ हो गए थे। पहले वंशज छत्रपति उदयन राजे भोसले, जो भाजपा के राज्यसभा सदस्य हैं, उन्होंने भी चेतावनी दी थी कि अगर राज्यपाल नहीं हटे तो महाराष्ट्र में जहां भी राज्यपाल का कार्यक्रम होगा, वहां हंगामा होगा।
दूसरे वंशज छत्रपति संभाजी महाराज ने तो केंद्र सरकार को 4 दिन का अल्टीमेटम देते हुए उन्हें हटाने की मांग की थी। लेकिन अल्टीमेटम पूरा होने के बाद भी राज्यपाल नहीं हटाए गए। इसके बाद छत्रपति संभाजी ने ट्वीट करके कहा कि राज्यपाल को नहीं हटाया गया। सरकार शिवप्रेमियों की भावना समझ नहीं रही है। अब आंदोलन होगा।
खबरों के बाद संजय राउत ने किया ट्वीट
वहीं राज्यपाल कोश्यारी द्वारा पद छोड़ने की खबरें आने के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट कर लिखा, ‘राज्यपाल महोदय ने पद छोड़ने की इच्छा व्यक्त की है, ग्रेट छत्रपति शिवाजी महाराज के अपमान के खिलाफ शिवसेना ने महाराष्ट्र बंद का ऐलान करने के बाद भागमभाग शुरू हुई, फिर भी महाराष्ट्र के दुश्मनों के साथ लड़ाई जारी रहेगी। राजभवन की दीवार ढही। जय महाराष्ट्र।
बता दें कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इससे पहले मुंबई का अपमान करने वाले शब्दों का इस्तेमाल किया था। इतना ही नहीं समाज सुधारक ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्री के खिलाफ भी बयानबाजी की थी, लेकिन इस बार छत्रपति शिवाजी महाराज के खिलाफ की गयी बयान बाजी राज्यपाल के गले की हड्डी बन गयी। इस कारण राज्यपाल भगत सिंग कोश्यारी का विरोध भी तेज हो गया।