Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अभी भी कई सीटों पर एक दर्जन से ज्यादा बागी चुनावी मैदान में हैं। ये बागी दोनों गठबंधन में हैं। बात चाहे महायुती की हो या महा विकास अघाड़ी की। दोनों ही गठबंधनों में बागियों को लेकर टेंशन है। विधानसभा चुनाव में नामांकन वापसी के आखिरी दिन करीब 45 बागियों ने नामांकन वापस लिया। लेकिन अभी भी ऐसे बागी मैदान में हैं जो किसी का भी खेल खराब कर सकते हैं। महा विकास अघाड़ी में बागी तो कम बचे हैं, लेकिन सपा के उम्मीदवार परेशानी बन रहे हैं।
बागियों में सबसे चेहरा समीर भुजबल का है। वे छगन भुजबल के भतीजे हैं और पहले लोकसभा सदस्य भी रह चुके हैं। समीर भुजबल निर्दलीय नांदगांव सीट से चुनावी मैदान में हैं। महायुती से यहां पर शिंदे सेना ने मौजूदा विधायक सुहास कांदे को दोबारा टिकट दिया है, जबकि अघाड़ी से शिवसेना यूबीटी के गणेश धात्रक चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर चौथे उम्मीदवार डॉक्टर रोहन बोरसे भी हैं, जो सुहास कांदे के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं।
हीना गावित बीजेपी का खेल खराब करेंगी
बागियों में दूसरा बड़ा चेहरा बीजेपी की पूर्व सांसद हीना गावित का है। वे नंदुरबार जिले की अक्कल कुआं अकरानी सीट से निर्दलीय लड़ रही हैं। महायुती से शिंदे सेना के अमशा पाडवी चुनावी मैदान में हैं, तो अघाड़ी से कांग्रेस के केसी पाडवी लड़ रहे हैं। केसी पाडवी लगातार पांच बार से विधायक चुनकर आते रहे हैं, लेकिन हीना गावित के चुनावी मैदान में आने से केसी पाडवी की राह आसान हो गई है।
गीता जैन, वो तीसरा नाम है, जो एक बागी उम्मीदवार के तौर पर सभी का खेल खराब कर सकता है। निर्दलीय विधायक गीता जैन मीरा भयंदर विधानसभा से एकनाथ शिंदे से टिकट मांग रही थीं, लेकिन ये सीट बीजेपी के हिस्से में चली गई तो गीता जैन निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। बीजेपी ने यहां से नरेंद्र मेहता को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं अघाड़ी से कांग्रेस के मुजफ्फर हुसैन मैदान में हैं। ये इलाका हिंदू बहुल है और माना जा रहा है कि मुकाबला नरेंद्र मेहता और गीता जैन के बीच ही होगा। लेकिन इसी में कांग्रेस के मुजफ्फर हुसैन अपना फायदा देख रहे हैं।
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कल्याण सीट पर गणपत के जानी दुश्मन हैं महेश गायकवाड़
कल्याण पूर्व सीट से महेश गायकवाड़ भी एक ऐसे निर्दलीय उम्मीदवार हैं जो बीजेपी का खेल खराब कर सकते हैं. बीजेपी ने कल्याण पूर्व से गणपत गायकवाड़ की पत्नी सुलभा गायकवाड़ को टिकट दिया है। वहीं अघाड़ी से यूबीटी के धनंजय बोराडे चुनावी मैदान में हैं। लेकिन महेश गायकवाड़ और गणपत एक दूसरे के जानी दुश्मन हैं। गणपत ने पुलिस थाने के अंदर घुसकर महेश को गोली मारी थी। वहीं महेश की कोशिश है कि वे भले न जीते, लेकिन गणपत की पत्नी हार जाएं।
महाविकास अघाड़ी में बागी चेहरे तो नहीं, लेकिन समाजवादी पार्टी ने गठबंधन की मुसीबतें बढ़ा रखी हैं। सपा ने चुनाव में 5 सीटें मांगी थीं, लेकिन अघाड़ी ने सपा के लिए केवल दो सीटें छोड़ीं। इससे नाराज अबू आजमी ने 8 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं। सपा के 6 उम्मीदवारों से कांग्रेस को नुकसान होगा। सपा और कांग्रेस के बीच बात बन नहीं पाई है और अब दोनों पार्टियों के बीच फ्रेंडली फाइट के अलावा कोई चारा नहीं बचा है।