Maharashtra political crisis: महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार ने सत्ता में सहयोगी शिवसेना (शिंदे) गुट के 20 विधायकों से वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा वापस ले ली है। पिछले कुछ समय से शिवसेना शिंदे और बीजेपी के बीच खींचतान जारी है, ऐसे में सीएम देवेंद्र फडणवीस के इस फैसले से शिवसेना (शिंदे) नाराज हो सकती है।
बता दें कि महाराष्ट्र में सीएम देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच लगातार अनबन की खबरें सामने आ रही हैं। कई बार दोनों के बीच अनबन देखने को मिली है। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे कई कैबिनेट मीटिंग में शामिल नहीं हुए हैं। इसके अलावा एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री राहत कोष के बावजूद मंत्रालय में चिकित्सा प्रकोष्ठ की स्थापना की है। राज्य में ऐसा पहली बार हुआ है जब देवेंद्र फडणवीस सरकार में दोनों पार्टियों के बीच प्रभारी मंत्रियों समेत कई मुद्दों पर खींचतान हुई है।
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मैं नाराज नहीं हूं- शिंदे
इस बीच शिंदे ने कहा कि मैं नाराज नहीं हूं, न ही सरकार में कोई कोल्ड वाॅर चल रहा है। सब ठंडा-ठंडा, कूल-कूल है। वहीं नाराजगी के सवाल पर कहा कि महायुति में कभी कोल्ड वाॅर और हाॅट वाॅर नहीं होगा। महायुति में कोई मतभेद नहीं है। वहीं नए चिकित्सा प्रकोष्ठ के सवाल पर कहा हम जनता के लिए काम कर रहे हैं। महायुति की तीनों पार्टियों का एक ही उद्देश्य है जनता की सेवा करना, जनता के लिए कितना काम हो और तीनों मिलकर काम कर रहे हैं। हम तीनों में कोई मतभेद नहीं है।
कहीं इसलिए तो नाराजगी नहीं
बता दें कि हाल ही में शिवसेना ठाकरे गुट के नेताओं ने पिछले ढाई महीने में तीन बार सीएम फडणवीस से मुलाकात की है। सीएम से आदित्य ठाकरे ने 2 बार और उद्धव ठाकरे ने एक बार मुलाकात की हैं जबकि दूसरे वरिष्ठ नेता भी फडणवीस से अलग मिल चुके हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शिंदे की नाराजगी की वजह ये भी हो सकती है। फिलहाल तो शिंदे ने नाराजगी की अटकलों पर विराम लगा दिया है।
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