Maharashtra Civic Election: महाराष्ट्र में कुछ ही दिनों में महानगरपालिका, नगर पंचायत, नगर परिषद और जिला परिषद के चुनाव होने वाले हैं। बड़े पैमाने पर होने वाले इस चुनाव को ‘मिनी विधानसभा’ का चुनाव कहा जाता है। इस चुनाव में नंबर वन बनने के लिए शिवसेना और बीजेपी के बीच मानो रेस छिड़ गई है। आए दिन इन दोनों पार्टियों में नेताओं और कार्यकर्ताओं का प्रवेश हो रहा है।
चुनाव से पहले उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपना नया साथी ढूंढ लिया है। आज मुंबई में उपमुख्यमंत्री शिंदे ने रिपब्लिकन सेना और उसके अध्यक्ष आनंदराज अंबेडकर से गठबंधन कर लिया। आने वाले चुनाव में शिवसेना अपने इस नए ‘भीड़ू’ के लिए कुछ सीटें छोड़ेगी।
बाबासाहेब के दो पोते — प्रकाश अंबेडकर (अध्यक्ष, वंचित बहुजन आघाडी) और भीमराव अंबेडकर (कार्यकारी अध्यक्ष, भारतीय बौद्ध महासभा) — बोधगया गए और बौद्ध भिक्षुओं के #महाबोधि_मुक्ति_आंदोलन में भाग लिया था।
आज बाबासाहब के प्रपौत्र सुजात अम्बेडकर ने बोध गया में #महाबोधि_मुक्ति_आंदोलन… pic.twitter.com/Ybt9UpeKei
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कौन हैं आनंदराज अंबेडकर?
आनंदराज अंबेडकर, डॉ. भीमराव आंबेडकर (बाबासाहेब) के पौत्र और प्रकाश अंबेडकर के छोटे भाई हैं। पेशे से वे सामाजिक कार्यकर्ता, इंजीनियर और राजनेता हैं। वर्ष 1998 में उन्होंने ‘रिपब्लिकन सेना’ नामक दल की स्थापना की थी और वर्तमान में वे इसके अध्यक्ष हैं। यह दल ‘आंबेडकरवाद’ और सामाजिक समानता का हिमायती है। उन्होंने साल 2024 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
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मुंबई में शिवसेना को हो सकता है फायदा?
मुंबई के कई इलाकों में दलित वोट बैंक के पॉकेट्स हैं, जिनमें घाटकोपर, वरली, धारावी, चेंबूर, विक्रोली, मानखुर्द, जोगेश्वरी, मलाड और गोरेगांव जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इन इलाकों में दलित वोटर्स बड़ी संख्या में हैं। शिवसेना को उम्मीद है कि डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के पोते आनंदराज अंबेडकर से गठबंधन होने से मुंबई में मराठी वोटर्स के साथ-साथ दलित वोट का भी फायदा उन्हें मिल सकता है।