Maharashtra News: महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में इन दिनों लोग बाघिग की दहशत में हैं। बाघिन अब तक 6 महिलाओं पर हमला कर उनकी जान ले चुकी है। ये महिलाएं जंगल से तेंदूपत्ते तोड़ने के लिए गई थीं। इस बाघिन की दहशत की वजह से यहां पर लोगों का रोजगार भी कम हो रहा है। बाघिन के हमले की शिकार 28 साल की शुभांगी और उनकी सास कांता देवी की लाशें बुरी तरह क्षत-विक्षत पाई गई हैं। अब लोगों को जंगल की तरफ जाने से भी डर लग रहा है।
6 महिलाओं की मौत
चंद्रपुर में बाघिन की दहशत ने गांववालों की नींद उड़ा दी है। इसी बीच तेंदूपत्ता तोड़ने गई 6 महिलाओं को बाघिन ने मार डाला, यह 6 मौतें तीन दिनों में हुई हैं। यह घटना मेंढा-माल गांव में हुई है, जहां पर 28 साल की शुभांगी अपनी सास कांता देवी के साथ तेंदूपत्ता तोड़ने जंगल गई थीं। बहुत देर तक वापस नहीं आने पर खोजबीन की गई। इस दौरान उनकी लाशें बुरी तरह से क्षत-विक्षत मिली हैं। इनके घर में अब केवल मनोज चौधरी और उसके दो छोटे बच्चे बचे हैं। मनोज का कहना है कि ‘अब बच्चों की परवरिश कैसे करूं, मां भी चली गई, बीवी भी चली गई, कुछ समझ नहीं आ रहा है।’
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तेंदूपत्ता से चलता है घर
आपको बता दें कि इन गांववालों के लिए अब रोजगार भी जानलेवा बन गया है, क्योंकि यहां के ग्रामीण तेंदू पत्ता तोड़कर घर चलाते हैं, अब तो जंगल जाना मतलब मौत के मुंह में जाना है। 10 मई से 12 मई के बीच जिन 6 महिलाओं की जान गई, वे सभी तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए ही जंगल गई थीं। इनमें मेंढा-माल गांव की शुभांगी, कांता, रेखा, महादवाड़ी गांव की विमला, भादूरणा की भूमिका और अब एक और महिला की मौत की पुष्टि की जा चुकी है।
इस घटना के बाद वन विभाग हरकत में आया है। लगातार ट्रैकिंग के बाद उस बाघिन को पकड़ लिया गया, जिसने तीन महिलाओं को मारा था। 34 ट्रैप कैमरे और 8 लाइव कैमरों की मदद से डोंगरगांव के जंगल में बाघिन को बेहोश कर पिंजरे में कैद कर लिया गया, लेकिन डर अब भी जिंदा है, क्योंकि बाघिन का एक शावक अभी भी जंगल में है।
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