NCP MLA Disqualification Decision : महाराष्ट्र में शरद पवार गुट को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग के बाद महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर ने भी अजीत पवार गुट के पक्ष में फैसला सुना दिया। स्पीकर राहुल नार्वेकर ने विधायकों की अयोग्यता याचिका को खारिज करते हुए अजित पवार को असली एनसीपी माना है। आइए जानते हैं कि शरद पवार गुट के पास अब आगे क्या विकल्प बचे हैं?
महाराष्ट्र में एनसीपी दो गुटों में बंट गई है। एक गुट शरद पवार का है तो दूसरा गुट अजित पवार का। जब अजित पवार एनसीपी के विधायकों को लेकर एनडीए की सरकार में शामिल हो गए थे, तब शरद पवार ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर अजित पवार और अन्य बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था।
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Maharashtra Assembly Speaker Rahul Narwekar decides that Ajit Pawar faction is the 'real NCP' political party. Decision was based on the factor of legislative majority. pic.twitter.com/HH6ab2jDVl
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) February 15, 2024
अजीत गुट को ज्यादा विधायकों का समर्थन प्राप्त है : राहुल नार्वेकर
महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने गुरुवार को इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि अजित पवार गुट ही असली एनसीपी राजनीतिक पार्टी है, क्योंकि उन्हें 41 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने सभी विधायकों को योग्य ठहराते हुए शरद पवार की याचिकाएं खारिज कर दीं।
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स्पीकर ने कहा- यह कोई दलबदल नहीं है
स्पीकर के नियम के अनुसार, यह कोई दलबदल नहीं था, बल्कि अजित पवार और अन्य विधायक पार्टी से असहमत थे। स्पीकर ने कहा कि वास्तविक राजनीतिक दल अजित पवार गुट है। आपको बता दें कि पिछले दिनों चुनाव आयोग ने अजित गुट को एनसीपी पार्टी और चुनाव चिह्न सौंप दिया था। चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
Maharashtra Assembly Speaker Rahul Narwekar dismisses the disqualification application by the Sharad Pawar faction against the Ajit Pawar faction. The Speaker rules it was not defection, Ajit Pawar and others' actions and statements between 30th June and 2nd July last year were…
— ANI (@ANI) February 15, 2024
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जानें शरद पवार गुट के पास क्या बचे हैं विकल्प
शरद पवार गुट अब महाराष्ट्र स्पीकर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकते हैं। हालांकि, अजित पवार दल नहीं बदले हैं। ऐसे में शरद पवार गुट को अदालत में यह सिद्ध करना होगा कि जब अजित पवार विधायकों को लेकर एनडीए में शामिल हुए थे तो शरद पवार के पास पार्टी की कमान थी। ऐसे में विधायकों के आधार पर किए गए स्पीकर के फैसले को वे अदालत में चैलेंज दे सकते हैं।