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फिर बारामती में पवार Vs पवार? चुनाव को लेकर अजित ने चला बड़ा दांव तो शरद ने बनाया ये प्लान

Maharashtra Assembly Election : महाराष्ट्र में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारी तेज कर दी। बारामती में एक बार फिर पवार बनाम पवार के बीच चुनाव लड़ाई हो सकती है। इसे लेकर अजित पवार ने बड़ा दांव चला तो वहीं शरद पवार ने ये प्लान बनाया।

Edited By : Deepak Pandey | Updated: Aug 17, 2024 18:18
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Sharad Pawar Ajit Pawar
विधानसभा चुनाव में फिर चाचा-भतीजे आमने-सामने।

(इंद्रजीत सिंह/राहुल पांडे, मुंबई)

Maharashtra Assembly Election : महाराष्ट्र के बारामती विधानसभा क्षेत्र में एक बार फिर से पवार बनाम पवार की लड़ाई देखने को मिल सकती है। हाल ही में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनाव में अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार का शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले से मुकाबला हुआ, जिसमें सुप्रिया ने सुनेत्रा को हरा दिया था, लेकिन ननद-भाभी की इस लड़ाई से परिवार में दरार भी सामने आ गई। अब खबर है कि शरद पवार, अजित पवार के सामने उनके ही भतीजे युगेंद्र पवार को बारामती सीट से चुनाव में उतारने वाले हैं। ऐसे में अजित पवार ने बारामती से चुनाव नहीं लड़ने का संकेत दिया और उनकी जगह पर उनके छोटे बेटे जय पवार चुनाव लड़ सकते हैं। चुनाव कोई भी लड़े, लेकिन अब तक जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक पवार बनाम पवार की लड़ाई तय है।

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क्या इस बार डिप्टी सीएम अजित पवार बारामती से चुनाव नहीं लडेंगे? ये सवाल इसलिए उठा क्योंकि पुणे जनसंवाद यात्रा के दौरान जब उनसे पूछा गया कि उनके बेटे जय पवार बारामती से चुनाव लड़ना चाहते हैं, क्या उनको टिकट दिया जाएगा? इस पर अजित पवार ने कहा कि क्यों नहीं दिया जा सकता, लेकिन लोकतंत्र में वहां के कार्यकर्ताओं की इच्छाएं महत्वपूर्ण हैं, पार्टी की पार्लियामेंट्री बोर्ड जो तय करेगा, वही होगा। अब तक वे 7-8 बार चुनाव लड़ चुके हैं, अब उनकी इच्छा नहीं है।

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अजित पवार का गढ़ माना जाता है बारामती

अब सवाल यह है कि बारामती अजित पवार का गढ़ माना जाता है और ऐसे में दादा इस क्षेत्र से किनारा क्यों काटना चाहते हैं? खबर है कि अजित पवार के बड़े भाई श्रीनिवास पवार के बेटे युगेंद्र पवार बारामती से शरद पवार गुट से चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसे में शायद अजित पवार भतीजे से लड़ाई नहीं चाहते हों, क्योंकि लोकसभा चुनाव में सुप्रिया सुले के सामने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को लड़ाकर वो परिवार में राजनीति को ले आए और हार के बाद उनकी काफी किरकिरी भी हुई। हो सकता है कि वो अपनी सीट से बेटे जय पवार को चुनाव लड़ा सकते हैं। ऐसे में इस बार बारामती में पवार वर्सेस पवार की चुनावी लड़ाई तय मानी जा रही है। शरद गुट के सांसद सुप्रिया सुले ने एक कार्यक्रम में लोगों से पूछा था कि जो उन पर अन्याय हुआ है, उसके खिलाफ लड़ना चाहिए या नहीं। आज वो लोग पार्टी तोड़ रहे हैं और कल आप लोगों के घर तोड़ेंगे।

कर्जत जामखेड सीट से चुनाव लड़ सकते हैं अजित 

वहीं, पवार परिवार के सदस्य और एनसीपी (शरद चंद्र पवार गुट) के फायर ब्रांड नेता रोहित पवार ने अंदेशा जताया कि अजित पवार इस बार उनकी विधानसभा सीट कर्जत जामखेड से चुनाव लड़ सकते हैं, क्योंकि बीजेपी ने उन्हें बहुत परेशान किया, झुकाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं झुके तो जिस तरह से सुप्रिया सुले के खिलाफ बीजेपी ने दबाव बनाकर सुनेत्रा पवार को लड़वाया, उसी प्रकार बीजेपी का कोई बड़ा नेता या खुद अजित पवार उनके खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं।

बहन के खिलाफ पत्नी को उतारना अजित पवार की बड़ी गलती

इससे पहले अजीत पवार ने एक इंटरव्यू में कहा कि सुप्रिया सुले के सामने पत्नी को चुनाव लड़ाना उनकी गलती थी। परिवार के बीच राजनीति को नहीं लाना चाहिए था। इसके बाद से ही राजनीतिक घटनाक्रम बदलने लगे और ऐसी चर्चाएं होने लगीं कि क्या अजीत पवार को पछतावा है। फिर अजीत पवार का बयान आया, जिससे पता चला कि वो बारामती से चुनाव नहीं लड़ना चाहते तो सवाल यही है कि क्या अजित पवार भतीजे से लड़ाई नहीं चाहते या फिर डर रहे हैं या फिर इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि अजीत पवार हार से डर रहे हैं।

पवार फैलिमी की चुनावी फाइट ने देश का ध्यान का खींचा

लोकसभा चुनाव में बारामती लोकसभा सीट पर हुई पवार फैमिली फाइट ने पूरे देश का ध्यान खींचा था। एनसीपी पर कब्जा करने के बाद अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार को उनके सबसे मजबूत गढ़ बारामती में सबसे मुश्किल चुनौती दी थी, लेकिन सुनेत्रा पवार बनाम सुप्रिया सुले की जंग में शरद पवार भारी पड़े। अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस बार शरद पवार अपने भतीजे अजित पवार को बारामती में घेर सकते हैं।

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डिप्टी सीएम के बयान से सियासत गरमाई

अजित पवार ने बारामाती से विधानसभा चुनाव न लड़ने का संकेत देकर राज्य की सियासत को गरमा दिया है। उनके बयान के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। सवाल यही है कि क्या वे परिवार में सीधी लड़ाई से बच रहे हैं या फिर कोई इमोशनल कार्ड खेलकर अपने छोटे बेटे जय पवार के लिए रास्ता साफ करना चाह रहे हैं, लेकिन उनके इस बयान के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनको समझाया कि बारामती से हटने पर गलत संदेश जाएगा।

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Written By

Deepak Pandey

First published on: Aug 17, 2024 06:15 PM

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