पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मौत के मामले को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में आदित्य ठाकरे का नाम न लेने के लिए उद्धव ठाकरे ने दो बार उनसे बात की थी। शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब एक पत्रकार ने उनसे सवाल किया कि दिशा सालियान के पिता को हाई कोर्ट क्यों जाना पड़ा। इस सवाल का जवाब देते हुए नारायण राणे ने कहा कि दिशा सालियान के पिता को उस समय पुलिस से न्याय नहीं मिला इसीलिए आज कोर्ट गए हैं। बता दें कि दिशा सालियान की मौत 8 जून 2020 को हुई थी।
क्या कहा नारायण राणे ने?
भाजपा सांसद नारायण राणे ने कहा, ‘दिशा सालियान के पिता को हाईकोर्ट जाना पड़ा क्योंकि उन्हें अब तक न्याय नहीं मिला है। उनके पिता को लगा कि उन्हें पुलिस से न्याय नहीं मिलेगा, इसलिए वो हाई कोर्ट गए।’ नारायण राणे ने कहा, ‘दिशा सालियान की घटना जब हुई थी। उस वक्त उद्धव ठाकरे के पीए नार्वेकर, जो अब शायद विधायक हैं, ने मुझे कॉल किया था। मैं भी उस समय घर जा रहा था और उन्होंने (पीए) कहा कि उद्धव ठाकरे मुझसे बात करना चाहते हैं। पीए ने पूछा क्या आप बात करेंगे?
‘जय महाराष्ट्र मातोश्री की संपत्ति नहीं’
राणे ने कहा, ‘मैंने पूछा कि उद्धव ठाकरे कहां हैं, उन्हें फोन दें। जैसे ही उद्धव ठाकरे ने फोन रिसीव किया, मैंने कहा जय महाराष्ट्र। उन्होंने (उद्धव ठाकरे) मुझसे पूछा कि क्या मैं अब भी जय महाराष्ट्र कहता हूं, तो मैंने कहा कि मैं मरते दम तक जय महाराष्ट्र कहता रहूंगा। जय महाराष्ट्र मातोश्री की संपत्ति नहीं है। ये छत्रपति शिवाजी महाराज की संपत्ति है। उन्होंने कहा, ‘मैंने प्रेस में कहा है कि एक मंत्री इसमें शामिल हैं। वह (आदित्य ठाकरे) मंत्री थे, जब सुशांत सिंह और दिशा सालियान की यह घटना हुई थी। हर कोई इसके बारे में जानता था, और सबूत भी थे।’
‘आदित्य ठाकरे का नाम नहीं लें’
नारायण राणे ने कहा कि ‘उद्धव ठाकरे ने मुझे कहा कि आपके भी बच्चे हैं, मेरे भी बच्चे हैं। आपके बेटे लगातार आदित्य ठाकरे का नाम ले रहे हैं, वो ना लिया करें। डिनो मोरया के घर वो क्या करता वो देखिए। मुझे पता है वो क्या करता है लेकिन मैं नहीं बताऊंगा।’ उन्होंने आगे कहा कि दूसरा कॉल कोविड काल के दौरान आया, उस समय मेरे अस्पताल का इनॉग्रेशन करते समय कॉल आया। अस्पताल के लिए कुछ परमिशन को लेकर मैं बातचीत कर रहा था, तभी मुझे कॉल आया था। उन्होंने कहा कि अस्पताल की परमिशन तो ठीक है पर अब भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में आदित्य का नाम लिया जा रहा है।’
पुलिस के पास उस समय सारे सबूत थे- नारायण राणे
उन्होंने आगे कहा, ‘दिशा सालियान मामले को लेकर पुलिस के पास उस समय सारे सबूत थे, लेकिन उनको अरेस्ट नहीं किया, हमें गिरफ्तार करने पहुंच गए। दिशा सालियान के परिवार पर दबाव बनाया गया, पोस्टमार्टम के समय डॉक्टर बदला गया। दबाव की वजह की दिशा के पिता सामने नहीं आए। पुलिस के पास सभी सबूत हैं। हमारे पास जो सबूत हैं वो रूरत पड़ने पर हम सब पुलिस को देंगे।’
ठाकरे ने मीडिया से कहा, “पिछले पांच सालों में कई लोगों ने मुझे बदनाम करने की कोशिश की है। अगर मामला कोर्ट में है, तो हम कोर्ट में अपनी बात रखेंगे।” इस बीच, सतीश सालियान का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने तत्कालीन NCB निदेशक समीर वानखेड़े को भी रिट याचिका की एक प्रति सौंपी है।
दिशा सालियान के पिता ने सीबीआई जांच की मांग की
बता दें कि दिशा सालियान के पिता सतीश सालियान ने बॉम्बे हाई कोर्ट में रिट याचिका दाखिल करके केस की दोबारा जांच करने की मांग की है। उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आदित्य ठाकरे समेत अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं और सीबीआई जांच की मांग की है। वहीं, आदित्य ठाकरे ने मीडिया से कहा, ‘पिछले 5 सालों में कई लोगों ने मुझे बदनाम करने की कोशिश की है। अगर मामला कोर्ट में है, तो हम कोर्ट में अपनी बात रखेंगे।’
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