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बिहार के बाद महाराष्ट्र में उठी जाति जनगणना की डिमांड, डिप्टी सीएम अजित पवार ने की वकालत

Deputy Chief Minister Ajit Pawar Proposes caste based survey similar to Bihar: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने सोमवार को बिहार की तर्ज पर जाति आधरित जनगणना कराए जाने की पैरवी की है।

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Oct 23, 2023 22:08
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Deputy Chief Minister Ajit Pawar

Deputy Chief Minister Ajit Pawar Proposes caste based survey similar to Bihar: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने सोमवार को बिहार की तर्ज पर जाति आधरित जनगणना कराए जाने की पैरवी की है। उन्होंने कहा कि जाति-आधारित सर्वेक्षण से सामान्य वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों की सटीक आबादी की स्पष्ट तस्वीर सामने आने में मदद मिलेगी। अजित पवार भाजपा-शिवसेना की गठबंधन सरकार में एनसीपी गुट की तरफ से डिप्टी सीएम हैं। बीजेपी देशव्यापी जाति जनगणना की मांग को खारिज कर चुकी है। पीएम मोदी ने कांग्रेस की अपील की आलोचना भी की थी और कहा था कि यह देश को विभाजित करेगा।

सोलापुर में थे अजित पवार

अजित पवार ने ये बातें सोलापुर की एक सार्वजनिक बैठक में कही। पवार ने कहा कि मेरी राय है कि महाराष्ट्र में जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। बिहार सरकार ने अपने राज्य में इसे अंजाम दिया। इस तरह की कवायद से हमें सटीक पता चल जाएगा। इससे ओबीसी, एससी, एसटी, अल्पसंख्यकों, सामान्य वर्ग आदि की आबादी के अनुपात के अनुसार लाभ दिए जाने में मदद मिलेगी।

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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बिहार में जाति सर्वेक्षण का विवरण उपलब्ध कराने को कहा था। पवार ने कहा कि वह चाहते हैं कि सर्वेक्षण कराया जाए, भले ही इसमें राज्य को कुछ हजार करोड़ रुपए खर्च करने पड़ें।

मराठा और धनगर समुदाय के आरक्षण पर भी की बात

उपमुख्यमंत्री ने मराठा और धनगर समुदायों की कोटा मांगों के प्रति राज्य सरकार के सकारात्मक रुख के बारे में भी बात की। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आरक्षण में किसी भी वृद्धि से मौजूदा 62 प्रतिशत आरक्षण (एससी, एसटी और ओबीसी के लिए 52 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत) प्रभावित नहीं होना चाहिए।

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पवार ने कहा कि अगर मराठा और अन्य समुदायों को मौजूदा 52 प्रतिशत से आरक्षण दिया जाता है, तो इस खंड में लाभ प्राप्त करने वाले समूहों को निराशा होगी। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि वर्तमान में 62 प्रतिशत से ऊपर प्रदान किया गया कोटा सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय में कानूनी रूप से टिकाऊ हो।

बिहार सरकार ने 2 अक्टूबर को जारी किए थे नतीजे

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने 2 अक्टूबर को अपने जाति सर्वेक्षण के नतीजे जारी किए, जिसमें विभिन्न जाति समूहों और समुदायों की जनसंख्या विभाजन का विवरण दिया गया।

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Written By

Bhola Sharma

First published on: Oct 23, 2023 10:06 PM

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