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समुद्र में बढ़ी हमारी ताकत; Navy के बेड़े में शामिल हुआ जंगी जहाज ‘इम्फाल’, एक और डिलिवरी जल्द

15B Class Stealth Guided Missile Destroyers: एक ओर देश में शक्तिआराधन चल रहा है, वहीं माता शक्ति की कृपा से हमारी शक्ति में भी वृद्धि हुई है। नवरात्र उत्सव के बीच शुक्रवार को स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक की सीरिज में तीसरा (यार्ड 12706)-15बी क्लास वारशिप इम्फाल के बेड़े में शामिल हो गया है।

Edited By : Pawan Mishra | Updated: Oct 20, 2023 20:37
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नई दिल्ली: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के मझगांव स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) ने शुक्रवार को स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक की सीरिज में तीसरा (यार्ड 12706)-15बी क्लास वारशिप इम्फाल भारतीय नौसेना (Indian Navy) को सौंप दिया है। संयोग से, इंफाल महिला अधिकारियों और नाविकों के लिए समर्पित आवास वाला पहला नौसैनिक युद्धपोत है। आज इसके लिए स्वीकृति दस्तावेज पर एमडीएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संजीव सिंघल और सीएसओ (तकनीकी) रियर एडमिरल संजय साधु, कमांडिंग ऑफिसर (नामित) एमडीएल कैप्टन केके चौधरी ने हस्ताक्षर किए।

  • नौसेना में P15B क्लास का पहला जहाज INS विशाखापत्तनम 21 नवंबर 2021 को शामिल हुआ, दूसरा मोरमुगाओ 18 दिसंबर 2022 को और अब तीसरा इम्फाल हुआ शामिल

बता दें कि हमारे देश की नौसेना में P15B क्लास का पहला जहाज INS विशाखापत्तनम 21 नवंबर 2021 को शामिल हुआ था। दूसरा जहाज INS मोरमुगाओ 18 दिसंबर 2022 को नेवी को सौंपा गया तो अब तीसरा जहाज इम्फाल भी सौंप दिया गया है। अब इसके बाद कुछ ही महीनों में चौथा जहाज सूरत तैयार होने वाला है। जहाज का निर्माण स्वदेशी स्टील DMR 249A का उपयोग करके किया गया है और यह भारत में निर्मित सबसे बड़े विध्वंसक जहाजों में से एक है, जिसकी कुल लंबाई 164 मीटर और 7500 टन से अधिक का विस्थापन है। जहाज एक शक्तिशाली मंच है जो समुद्री युद्ध के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर करते हुए विभिन्न प्रकार के कार्यों और मिशनों को पूरा करने में सक्षम है।

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इंडियन नेवी से मिली जानकारी के मुताबिक जहाज आईएनएस इंफाल की आधारशिला साल 2017 में रखी गई थी,औऱ ठीक दो साल बाद ही यानी साल 2019 में मुम्बई के मझगांव डॉक लिमिटेड में लॉन्च कर दिया गया था। न्यूज़ 24 को भारतीय नौसेना के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि सेकंड वर्ल्ड वार के समय इम्फाल के लिए लड़ने वाले इंडियन सोल्जर के मान्यता पर इस जहाज का नाम रखा गया है। इसके अलावा यह भारतीय नौसेना का पहला ऐसा जहाज है, जिसका नाम किसी नार्थ ईस्ट के राज्य की राजधानी पर रखा गया है। यह इस इस तरह से बनाया गया है,की दुश्मन लाख कोसिस कर ले लेकिन उसके रडार पे यह जहाज आ ही नही सकता है।

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‘ब्रह्मोस’ और ‘बराक-8’ मिसाइलों से लैस है जहाज

रक्षा मामलों के जानकारों के मुताबिक यह सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक ‘ब्रह्मोस’ मिसाइलों और मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली ‘बराक-8’ मिसाइलों से लैस है। समुद्र के अंदर युद्ध क्षमता के लिए डिस्ट्रॉयर स्वदेशी रूप से विकसित पनडुब्बी रोधी हथियारों और सेंसरों से सुसज्जित है, जिनमें प्रमुख रूप से हल माउंटेड सोनार हम्सा एनजी, हैवीवेट टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर और एएसडब्ल्यू रॉकेट लॉन्चर शामिल हैं।

एमडीएल अधिकारियों ने कहा, ‘नौसेना सूची में विध्वंसक और फ्रिगेट के पिछले वर्गों की तुलना में काफी अधिक बहुमुखी, दुश्मन की पनडुब्बियों, सतह के युद्धपोतों, एंटी-शिप मिसाइलों और लड़ाकू विमानों के खिलाफ इम्फाल की चौतरफा क्षमता इसे सहायक जहाजों के बिना स्वतंत्र रूप से संचालित करने और नौसेना टास्क फोर्स के प्रमुख के रूप में भी सक्षम बनाएगी’।

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312 व्यक्तियों का दल रह सकता है जहाज में 

अधिकारियों के मुताबिक जहाज में 312 व्यक्तियों का दल रह सकता है, इसकी क्षमता 4000 समुद्री मील है और यह जहाज क्षेत्र से बाहर विस्तारित मिशन समय के साथ सामान्य 42 दिनों के मिशन को अंजाम दे सकता है। जहाज अपनी पहुंच को और बढ़ाने के लिए दो हेलीकॉप्टरों से सुसज्जित है। जहाज को एक शक्तिशाली संयुक्त गैस और गैस प्रोपल्शन प्लांट (COGAG) द्वारा संचालित किया जाता है, जिसमें चार प्रतिवर्ती गैस टर्बाइन शामिल हैं, जो उसे 30 समुद्री मील (लगभग 55 किमी प्रति घंटे) से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। यह जहाज गीगाबाइट ईथरनेट आधारित शिप डेटा नेटवर्क (जीईएसडीएन), कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस), ऑटोमैटिक पावर मैनेजमेंट सिस्टम (एपीएमएस) और इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम (आईपीएमएस) जैसे परिष्कृत डिजिटल नेटवर्क के साथ बहुत उच्च स्तर के स्वचालन का दावा करता है।

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Written By

Pawan Mishra

First published on: Oct 20, 2023 08:36 PM
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