Maharashtra Chief Minister: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजों ने हैरान कर दिया है। एनडीए के नेतृत्व वाली बीजेपी खुद 130 सीटों से आगे चल रही है। जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना 55 और अजित पवार की एनसीपी 41 सीटों पर आगे है। वहीं 11 सीटों पर अन्य आगे चल रहे हैं। इस तरह महायुति में शामिल तीनों पार्टियां 226 सीटों पर आगे हैं और यह बहुमत के लिए जरूरी 145 सीटों से काफी ज्यादा है। अब सवाल ये कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा?
देवेंद्र फडणवीस बन सकते हैं सीएम
बीजेपी सीएम के लिए देवेंद्र फडणवीस के नाम पर मुहर लगा सकती है। वह पहले भी सीएम रह चुके हैं। ऐसे में उन्हें महाराष्ट्र की सत्ता चलाने का अनुभव है। बीजेपी की इस जीत का भी श्रेय फडणवीस को दिया जा रहा है। पिछली बार जब एकनाथ शिंदे सीएम बने थे तो फडणवीस ने उप-मुख्यमंत्री पद से संतोष किया था। उन्होंने आलाकमान की बात मानते हुए उनका हर फैसला मंजूर किया। ऐसे में इस बार उन्हें सब्र का फल मिल सकता है और सीएम बनाया जा सकता है।
#WATCH | #MaharashtraElection2024 | Maharashtra CM Eknath Shinde, Dy CMs Devendra Fadnavis and Ajit Pawar and leaders of Mahayuti show victory signs and exchange sweets as the Mahayuti is set to form the govt in the state. pic.twitter.com/wyJVEs45fh
— ANI (@ANI) November 23, 2024
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एकनाथ शिंदे क्यों नहीं हैं बीजेपी की मजबूरी
हालांकि महायुति के तीनों नेता एकजुट नजर आए हैं, लेकिन इस बार एकनाथ शिंदे बीजेपी की मजबूरी नहीं होंगे क्योंकि उसके खुद के पास 130 सीटों का आंकड़ा है। ऐसे में उसे बहुमत के लिए सिर्फ 15 सीटों की जरूरत है। दूसरी ओर अजित पवार की पार्टी के पास भी लगभग 40 सीटों का आंकड़ा है। ऐसे में बिना शिंदे के आसानी से सरकार बनाई जा सकती है।
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एकनाथ शिंदे को करना पड़ सकता है समझौता
ऐसे में हो सकता है कि इस बार एकनाथ शिंदे को समझौता करना पड़े। उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। बता दें कि पिछली बार बीजेपी ने 288 में से 105 सीटों पर जीत दर्ज की थी। ऐसे में वह बहुमत के आंकड़े से काफी दूर थी। फिर जब एकनाथ शिंदे 21 जून 2022 को सीएम उद्धव ठाकरे से बगावत करके आए तो उनके पास लगभग 40 विधायकों का समर्थन था। ऐसे में उद्धव सरकार गिर गई और महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के समर्थन से नई सरकार बनी, लेकिन अब स्थिति वैसी नहीं है। एकनाथ शिंदे बीजेपी की मजबूरी नहीं हैं। ऐसे में उनके बीजेपी के साथ चलने में ही भलाई है।
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